अजमेर

लॉकडाउन में भूखे मरने की नौबत बताते हुए मांगी मदद, लेकिन फ्रिज में चिकन, महीने भर का राशन?

Arun Mishra
11 April 2020 3:36 AM GMT
लॉकडाउन में भूखे मरने की नौबत बताते हुए मांगी मदद, लेकिन फ्रिज में चिकन, महीने भर का राशन?
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लॉकडाउन के दौर भूखे मरने की नौबत बताते हुए शख्स ने सरकारी मदद मांगी थी।

अजमेर : कोरोना लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद व्यक्तियों तक सामग्री पहुंचाई जा रही है, लेकिन इस सहायता का भी कुछ लोग गलत फायदा उठा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला शुक्रवार को राजस्थान के अजमेर में सामने आया। यहां एक व्यक्ति के खिलाफ इस सुविधा का नाजायज फायदा उठाने की बात सामने आने पर जिला प्रशासन ने अब कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है। दरअसल, लॉकडाउन के दौर भूखे मरने की नौबत बताते हुए शख्स ने सरकारी मदद मांगी थी। फोन पर इस शख्स से बात के बाद प्रशासने उसके घर राहत सामग्री भिजवाई। लेकिन इस दौरान जब सरकारी कर्मचारी उसके घर पहुंचे तो महीने भर का राशन पड़ा मिला। यहां तक की फ्रिज में चिकन भी था।

कंट्रोल रूम में फोन किया भूख से मर रहा हूं

अतिरिक्त जिला कलक्टर हीरालाल मीणा ने बताया कि खानपुरा के चांद मोहम्मद ने शुक्रवार को जिलास्तरीय कंट्रोल रूम पर फोन करके भोजन एवं सामग्री के लिए सहायता मांगी थी। प्रशासन ने सहायता पहुंचाने के लिए क्षेत्र के अधिकारियों को निर्देशित किया। इस दौरान चांद मोहम्मद ने फिर फोन करके कहा कि मैं भूख से मर रहा हूं, मेरे मरने के बाद सहायता पहुंचेगी क्या? इसे प्रशासन ने गंभीरता से लिया और खानपुरा के रसद विभाग के अधिकारी तुरंत सूखी राशन सामग्री एवं तैयार भोजन के पैकेट लेकर गए।

साधन सम्पन्न, AC-कूलर, गाड़ी सब

जिला प्रशासन के अनुसार जरूरतमंद के लिए सरकार भरसक प्रयास कर रही है कि उसे भोजन की कोई कमी न रहे। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जरूरतमंद तक सामग्री पहुंचना सुनिश्चित करने के साथ ही प्रशासन द्वारा व्यक्ति की आवश्यकताओं एवं सामग्री की उपलब्धता के संबंध में जांच की जाती है। लेकिन जांच करने पर चांद मोहम्मद घर में मोटरसाइकल, गैस कनेक्शन, फ्रिज, कूलर जैसी उपभोक्ता वस्तुओं के होने से सम्पन्न नजर आया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की वजह से वास्तव में जरूरत मंदों तक समय पर राहत सामग्री नहीं पहुंच पाती है।

Arun Mishra

Arun Mishra

Sub-Editor of Special Coverage News

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