अजमेर

सचिन पायलट के आगमन पर विशेष: शायद ही हो किशनगढ़ जैसा एयरपोर्ट विश्व में, जहां सब कुछ है पर हवाई सेवा नहीं

रमेश शर्मा
23 Aug 2023 10:57 AM GMT
सचिन पायलट के आगमन पर विशेष: शायद ही हो किशनगढ़ जैसा एयरपोर्ट विश्व में, जहां सब कुछ है पर हवाई सेवा नहीं
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Special on the arrival of Sachin Pilot There is hardly an airport like Kishangarh in the world, where everything is there but no air service

राजस्थान के अजमेर जिले का किशनगढ़ उपखंड वैसे तो कई मामलों में विश्व में अपनी ख्याति कायम किए हुए है। ऐसा नहीं है कि किशनगढ़ का नाम इन दिनों में ही विश्व विख्यात हुआ हो काफी समय पहले पावरलूम उद्योग का नाम सामने आने पर किशनगढ़ का नाम अपने आपके सामने आ जाता था। अब अगर ग्रेनाइट और मार्बल के व्यवसाय की बात सामने आए तो किशनगढ़ का नाम सब से पहले लिया जाता है। और अब नए सिरे से किशनगढ़ की बात की जाए तो आश्चर्यजनक सत्य सामने आएगा की किशनगढ़ में एयरपोर्ट तो है लेकिन हवाई सेवाएं सुलभ नहीं है।

जब किशन गढ़ में एयरपोर्ट बनने की चर्चाएं हुआ करती थी तो उसे समय अजमेर का एयरपोर्ट अजमेर ब्यावर मार्ग पर सराधना के आसपास बनने की बात हुआ करती थी। जहां तक मुझे ध्यान है शायद उस समय राज्य सरकार ने एयरपोर्ट के लिए भूमि भी चयनित कर ली थी लेकिन उन्हीं दिनों जब सचिन पायलट केंद्र में राज्य मंत्री हुआ करते थे तब उन्होंने एयरपोर्ट के निर्माण को लेकर गंभीरता से कदम उठाते हुए किशनगढ़ में एयरपोर्ट प्रस्तावित करवा दिया इतना ही नहीं किशनगढ़ में एयरपोर्ट स्थापित होने के बाद में यहां से देश के विभिन्न प्रमुख स्थानों के लिए नियमित हवाई सेवा भी शुरू हो गई थी। हवाई सेवा को किशनगढ़ में हवाई सेवा को मजबूती देने के लिए किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन में मार्बल उद्योग से संबंधित व्यवसाययों को हवाई जहाज की टिकट में₹1000 का सहयोग संगठन के माध्यम से करना भी शुरू कर दिया था। और देखते ही देखते किशनगढ़ एयरपोर्ट हवाई जहाज के माध्यम से ऊंचाइयां छूने लगा।

मगर ने जाने किसकी नजर लगी जिस रफ्तार से किशनगढ़ एयरपोर्ट से हवाई सेवा शुरू हुई थी उससे काफी कम रफ्तार से उड़ाने बंद होने का सिलसिला शुरू हो गया। और हालात यह है कि अब लगभग 10 से 12 महीना से किशनगढ़ का हवाई अड्डा केवल नाम का एयरपोर्ट बनकर रह गया है। कहने को यहां एयरपोर्ट पर एक एयरपोर्ट पर जितना स्टाफ नॉर्म्स के अनुसार होना चाहिए उतना स्टाफ नियुक्त है। अगर नही है तो यहां हवाई सेवा नहीं है। सबसे बड़ी बात यह है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल कोटा में लोकसभा चुनाव से पहले हवाई अड्डा बनाने के पक्षधर है मगर किशनगढ़ के बंद पड़े एयरपोर्ट को पुनः सुचारु करने के लिए शायद कोशिश नहीं हो रही है।

देश के उपराष्ट्रपति भी राजस्थान से ही है। जरूरत है स्थानीय और जिले के नेताओं की ओम बिरला और जगदीप धनखड़ से हवाई अड्डे के लिए व्यक्तिगत रूप से मिलकर मांग करने की। सांसद भागीरथ चौधरी ने उद्यान मंत्री को पत्र लिखा था लेकिन पत्रों के माध्यम से ही हवाई अड्डा शुरू हो जाए तो फिर कहना ही क्या! इसी तरह आरटीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौर ने भी उज्जैन मंत्री को पत्र लिखकर किशनगढ़ एयरपोर्ट का महत्व बताते हुए हवाई सेवा शुरू करने की मांग की थी। यह ब्लॉक आज लिखने का मेरा उद्देश्य यही है कि कल इस हवाई अड्डे को शुरू करने में सहयोगी रहे सचिन पायलट खुद विजयनगर आ रहे हैं तो शायद सचिन पायलट तक यह संदेश पहुंच जाए तो वे कुछ ध्यान दे सकते हैं।

वैसे तो सचिन पायलट इस मामले में इसलिए कुछ नहीं कर सकते क्योंकि वह कांग्रेस पार्टी से हैं और केंद्र में सरकार भाजपा की लेकिन अगर वह व्यक्तिगत संबंध काम में लेकर अपने पूर्व मित्र और वर्तमान उड्डयन मंत्री ज्योतिराज सिंधिया से इस बंद पड़े हवाई अड्डे को शुरू करने की सिफारिश करें तो शायद मित्रता के नाते एक बार फिर से किशनगढ़ हवाई अड्डा अस्तित्व में आ सकता है। देखने वाली बात ही होगी कि क्या सचिन पायलट अपने समय में जिस लग्न से किशनगढ़ एयरपोर्ट स्थापित कराने में उत्साह प्रदर्शित किया था क्या वही भूमिका बंद पड़े हवाई अड्डे को शुरू करने में भी निभाएंगे!

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