राजस्थान

अशोक गेहलोत की अमित शाह को चुनौती, बोले - दम है तो 7 राज्यों में हुए दंगों की जांच करवाएं

Sakshi
5 May 2022 1:08 PM GMT
अशोक गेहलोत की अमित शाह को चुनौती, बोले - दम है तो 7 राज्यों में हुए दंगों की जांच करवाएं
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अशोक गहलोत ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें दम है तो रामनवमी पर 7 राज्यों में होने वाले दंगों की जांच करवाएं

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah)को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें दम है तो रामनवमी (Ram Navami) पर 7 राज्यों में होने वाले दंगों (Violence During Ram Navami) की जांच करवाएं और पता लगाएं कि उनकी जड़ में क्या था। इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए। जांच कमेटी में हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जज भी हों।

कांग्रेस के चिंतन शिविर की तैयारियों का जायजा लेने आए अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने दूसरे दिन जयपुर (Jaipur) रवाना होने से पहले उदयपुर सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि करौली में दंगा भाजपा (BJP) का एक प्रयोग था। सात राज्यों में जो दंगे हुए, उसका तरीका बिल्कुल करौली जैसा ही था। रामनवमी पर राजस्थान में शांति रही। सभी धर्म के लोगों ने मिलकर त्योहार मनाया और एक दूसरे पर फूल बरसाए। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हम सख्त से सख्म कदम उठा रहे हैं और उठाएंगे। किसी भी कीमत पर दंगे नहीं भड़कने देंगे।

साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा को लग गया है कि वे आने वाले चुनावों में हार रहे हैं। इसलिए वे दंगे भड़का कर और आग लगाकर सत्ता में आना चाहते हैं। हर जगह मौका देख रहे हैं कि कैसे हालात को बिगाड़ा जाए। उन्होंने कहा कि दंगों में निर्दोष लाेगों का नुकसान होता है और हम यह होने नहीं देंगे। अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा के लोगों से कहा कि वे राजस्थान को बख्शें। दंगे भड़के यह हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। यहां लोगों को शांति से रहने दें। इससे आम लोगों का नुकसान हो रहा है।

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि सियासत विचारधारा पर होनी चाहिए न कि दंगे, हिंसा या उपद्रव के जरिये। गहलाेत ने एक बार फिर राजस्थान में करौली, अलवर और जोधपुर में हिंसा के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि उनकी अपनी विचारधारा है, कांग्रेस की अपनी विचारधारा है। इस पर ही सियासत होनी चाहिए लेकिन भाजपा के लोग सत्ता के लिए कुछ भी कर सकते हैं। संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

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