
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भंवर लाल शर्मा का निधन, राहुल गांधी पर की थी विवादित टिप्पणी, सरकार गिराने के लगे थे आरोप!

राजस्थान में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भंवरलाल शर्मा का निधन हो गया है। SMS अस्पताल के मेडिकल ICU में सुबह 7:35 बजे ली अंतिम सांस ली।विधायक भंवरलाल शर्मा को शनिवार सुबह SMS अस्पताल में भर्ती कराया गया था। निमोनिया, किडनी में इन्फेक्शन समेत मल्टीपल दिक्कतों के चलते भर्ती कराया गया था. SMS अस्पताल अधीक्षक डॉ.अचल शर्मा के निर्देशन में मेडिकल बोर्ड देख-रेख कर रहा था। शनिवार को सीएम अशोक गहलोत ने शर्मा का हालचाल जानने के लिए एसएमएस अस्पताल गए थे। भंवर लाल शर्मा सरदारशहर से 7 बार विधायक निर्वाचित हुए थे।
कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा पाटलट कैंप के माने जाते थे। हालांकि, बाद में सीएम गहलोत की तारीफ कर सुर्खियों में आए थे। भंवर लाल शर्मा पर भैरोसिंह शेखावत और गहलोत सरकार को गिराने के आरोप लगे थे। गहलोत सरकार गिराने और बचाने में भंवर लाल शर्मा का अहम रोल माना गया था।
अपने 30 साल के राजनीतिक सफर के दौरान भंवरलाल शर्मा कांग्रेस सरकार के लिए सिरदर्द बने रहे। साल 2020 में सचिन पायलट के साथ बगावत करने के कारण उन्हें निलंबित होना पड़ा। कभी सिरदर्द तो कभी प्रदेश की सरकारों के लिए उन्होंने संकटमोचक की भी भूमिका निभाई।
राहुल गांधी पर की थी टिप्पणी
कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा ने मई 2014 को राहुल गांधी को लेकर दिए गए बयान को लेकर राष्ट्रीय मीडिया के लिए चर्चित चेहरा बन गए थे। कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा ने राहुल गांधी और उनके सलाहकारों को जोकर कहा था। इसके बाद कांग्रेस ने राहुल गांधी पर सवाल उठाने वाले भंवर लाल शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया था। भंवरलाल शर्मा ने राहुल गांधी को जोकर कहा था। उन्होंने कहा था कि गांधी परिवार का सदस्य होने के कारण राहुल को इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी दे दी गई। वरना उन्हें कोई अनुभव नहीं है। हालांकि, बाद में भंवर लाल शर्मा की कांग्रेस में वापसी हो गई थी। सीएम गहलोत ने भंवर लाल शर्मा के बेटे को राजनीतिक नियुक्ति भी दी है।
भैरोंसिंह शेखावत सरकार के संकटमोचक बने थे शर्मा
साल 1990 में जब राजस्थान में भैरोंसिंह शेखावत के नेतृत्व में भाजपा और जनता दल की संयुक्त मोर्चा की सरकार बनीं, तब आडवाणी की रथ यात्रा के विरोध में जनता दल के सात कैबिनेट मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था। जिससे सरकार अल्पमत में आ गई थी। इस सियासी संकट से उबरने के लिए 5 नवंबर 1990 को दिग्विजय सिंह की अगुवाई में जनता दल से 22 विधायक अलग होकर जनता दल- दिग्विजय का गठन किया और भाजपा सरकार को समर्थन दिया। तब जाकर भैरोसिंह शेखावत सरकार बच पाई। भैरों सिंह शेखावत की सरकार बचाने में भंवरलाल की अहम भूमिका रही थी।
17 अप्रैल 1945 को भंवरलाल शर्मा का चूरू जिले के सरदारशहर में जन्म हुआ था। उनके पिता का नाम सेवगराम और माता का नाम पार्वती देवी था। भंवरलाल शर्मा ने 17 साल की उम्र में ही राजनीति में कदम रख दिया था। वे साल 1962 में सरदारशहर की जैतसीसर ग्राम पंचायत के सरपंच बने। इसके बाद वे साल 1962 से 1982 तक सरपंच रहे। इसके बाद 1982 में वे सरदारशहर पंचायत समिति के प्रधान चुने गए।