जयपुर

जयपुर में राजनीति के आकाश में सितारे बनकर उभरे अमीन कागजी

Special Coverage News
16 Dec 2018 1:16 PM IST
जयपुर में राजनीति के आकाश में सितारे बनकर उभरे अमीन कागजी
x

मोहम्मद हफीज पठान स्टेट हैड राजस्थान

राज्य की राजधानी जयपुर मे लम्बे समय से कांग्रेस पार्टी के द्वारा घोषित मुस्लिम उम्मीदवार अपने ही समाज एवं कांग्रेस पार्टी की साम्प्रदायिक सोच के नेताओं की राजनीति का शिकार बनकर हार का मुंह देखते रहे है। वर्ष 1998 मे जयपुर के जौहरी बाजार विधानसभा क्षेत्र से स्वर्गीय तकीउद्दीन विधानसभा का चुनाव जीते थे। तब से आजतक कांग्रेस के विधानसभा उम्मीदवार के रूप मे जयपुर से अश्क अली टांक, माहिर आजाद और अमीन कागजी चुनाव हार चुके है।


इनमें से माहिर आजाद जयपुर के आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र से दोबार चुनाव काफी कम अन्तर से हारे थे। यहां गौरतलब होगा कि माहिर आजाद का कद समकालीन राजनीति में मुस्लिम चेहरे के रूप में सर्वाधिक स्वीकार्य था। इन सभी की हार मे भाजपा प्रत्याशियों की वोट कटवा राजनीति के रूप मे मुस्लिम निर्दलीय प्रत्याशियों की बड़ी भूमिका रहती थी। सम्पूर्ण चुनाव परिणामों का वैज्ञानिक ढंग से विवेचना करनेवाले एकमात्र मुस्लिम नेता अमीन कागजी हैं। इसबार के विधानसभा चुनावों मे न केवल अपने समाज को इन्होंने संगठित किया वरन क्षेत्र के सम्पूर्ण कांग्रेसजनो के साथ समाज के सभी वर्गों को अपने साथ जोडने मे अमीन कागजी ने सफलता प्राप्त की हैं। हारने के बाद पांच वर्षों की अधिक मेहनत के बलपर अपनी सूझबूझ से अमीन कागजी ने बड़ा जनाधार राजधानी जयपुर ओर जयपुर के बाहर तैयार किया है।


पूर्व में राजनीति में स्थापित स्वगीर्य सलीम कागजी साहब की राजनैतिक विरासत को उनके सुपुत्र अमीन कागजी के हाथों मे सुरक्षित फलते-फूलते देखने पर आज कांग्रेस के नेताओं के साथ प्रदेश का मुस्लिम समाज गौरवान्वित महसूस कर रहा है। चुनाव जीतने के तुरन्त बाद एक ओर जब राज्य की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री की घोषणा भी नहीं हुई थी तब दिनांक 14 दिसम्बर 2018 को चुनाव जीतते ही जनता की समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे। पुलिस आयुक्त जयपुर, जलदाय विभाग के चीफ इंजीनियर सहित सभी सरकारी चिकित्सालयों की सुविधाएं चाक चौबंद करने के लिए अमीन कागजी प्रातः ग्यारह बजे से ही सरकारी कार्यालय खुलते ही सक्रिय होकर अधिकारियों से जानकारी लेकर उन्हें जन समस्या समाधान के लिए तैयार करने में लगे थे। अमीन कागजी की यह कार्य करने की प्रभावशाली शैली उन्हें जयपुर के साढ़े चार लाख मुस्लिम वोटरों के साथ कांग्रेस के मतदाताओं का दिल जीतने वाला जननेता बनादेगा।


प्रदेश कांग्रेस पार्टी की राजनीति में आज एक भी प्रभावशाली व्यापक जनाधार रखने वाला मुस्लिम चेहरा नही है। अमीन कागजी के व्यक्तित्व में प्रदेश कांग्रेस के नेता और कांग्रेस के मतदाता,समाज के सभी वर्ग विशाल, विराट, स्वीकार्यता की छवि देखकर उनके साथ जुड़ रहा है। कुछ तो बात है कि जिसके कारण राजधानी में वोट के प्रति उदासीन समाज अमीन कागजी के इशारों पर सारे पूर्वानुमान मिथक तोड़कर राजधानी में दो मुस्लिम प्रत्याशी के साथ पांच विधायक जिताकर नया इतिहास रच देता है। इन्हीं शुभलक्षणो का परिणाम है की एक अन जाने से मुस्लिम चेहरे से अशोक परनामी और बीस वर्षों से बरगद की भांति जमे मोहन लाल गुप्ता चुनाव हार जाते हैं। राज्य की कांग्रेस सरकार मे मन्त्री पद मिलने के बाद राजधानी जयपुर मे अमीन कागजी की राजनीति में नया निखार आयेगा। जिसके प्रभाव से कांग्रेस के साथ समाज को भी लाभ मिलेगा।

Next Story