जयपुर

राजस्थान की बड़ी खबर : धारा 124 ए के तहत फर्जी मुकदमा, दोषी अफसरों को गिरफ्तार करने की मांग

Shiv Kumar Mishra
7 Aug 2020 8:01 AM GMT
राजस्थान की बड़ी खबर : धारा 124 ए के तहत फर्जी मुकदमा, दोषी अफसरों को गिरफ्तार करने की मांग
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पत्रकार एवं फोरम अगेंस्ट करप्शन एंड एक्सप्लॉइटेशन (फेस) के संयोजक महेश झालानी ने राष्ट्रपति को एक पत्र लिखकर उन अधिकारियों को अविलम्ब गिरफ्तार करने की मांग की है जिन्होंने बदनीयती और दुर्भावना से ग्रसित होकर मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री सहित अनेक मंत्रियों एवं विधायकों के खिलाफ देशद्रोह के अंतर्गत आईपीसी की धारा 124ए के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया था।

पत्र में कहा गया है कि अतिरिक्त महानिदेशक एसओजी एवं एटीएस की ओर से दिनांक 10 जुलाई, 20 को मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री सहित कई अन्य गणमान्य लोगों के खिलाफ बदनीयती और सबक सिखाने की गरज से देशद्रोह की धारा 124 ए एवं आपराधिक षड्यंत्र एवं धारा 120 बी आईपीसी के अंतर्गत नोटिस जारी कर गिरफ्तारी की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई।

एसओजी के अधिकारियों ने नोटिस जारीकर्ताओं को नाजायज रूप से परेशान करने की दृष्टि से सार्वजनिक रूप से इन गणमान्य व्यक्तियों की छवि को विकृत कर इनकी मानहानि की। इसके अलावा एसओजी की टीम ने गणमान्य लोगों के आवास, रिश्तेदारों तथा अन्य ठिकानों पर छापेमारी कर अपनी तानाशाही का परिचय दिया।

राष्ट्रपति को बताया गया है कि आजादी के बाद देश मे यह पहली घटना होगी जब पुलिस ने निरंकुश होकर सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित कई मंत्रियों और विधायकों को नोटिस जारी कर अंग्रेज शासन की याद ताजा कर दी।

एसओजी को जब यह लगा कि अदालत में उसकी फजीहत हो सकती है या स्ट्रकचर पास हो सकता है तो एसओजी की ओर से अदालत में कहा गया कि किसी भी गणमान्य व्यक्ति के खिलाफ देशद्रोह की धारा 124 ए लागू नही होती है, लिहाजा इसे तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जा रहा है। पुलिस की निरंकुशता और तानाशाही के किस्से तो आये दिन सुनने व देखने को मिलते है। लेकिन यह घटना देश के इतिहास में अभूतपूर्व है।

पुलिस जब मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ झूठा तथा मनगढ़ंत मुकदमा दर्ज कर सकती है तो आम नागरिकों की हालत क्या होगी, सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। पुलिस ने कानून को अंगूठा दिखाने का जो दुस्साहस किया है, वह किसी भी दृष्टि में क्षम्य नही है।

अतः फेस की मांग है कि इस षड्यंत्र में लिप्त सभी अधिकारियों, राजनेताओं और कर्मचारियों के खिलाफ यथोचित धारा में मुकदमा दर्ज कर उन्हें अविलम्ब गिरफ्तार किया जाए। साथ ही अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए निर्देश प्रदान कर अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करें। पत्र की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, राजस्थान के राज्यपाल, कार्मिक मंत्रालय तथा मानव अधिकार आयोग को भी प्रेषित की गई है।

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