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Congress Dissenters' Key Demand Accepted At Party's Big Meet In Rajasthan
यदि अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का सम्मान करते है और उनकी रीति-नीति पर भरोसा है तो उन्हें तत्काल मुख्यमंत्री का पद छोड़कर सीएम की कुर्सी किसी दीगर व्यक्ति को सौंप देनी चाहिए ।
सोनिया गांधी ने चिंतन शिविर में आज साफ़ शब्दों में कहाकि पार्टी ने कई लोगों को बहुत कुछ सौंपा है । अब वक्त है पार्टी को लौटाने का । गहलोत तीन बार मुख्यमंत्री, इतनी ही बार पीसीसी चीफ़ तथा कई बार केंद्र में मंत्री रह चुके है । सोनिया की बात मानते हुए गहलोत को पहल करते हुए त्याग की पूरे देश में एक मिसाल क़ायम करनी चाहिए ।
भाषण देना और उस ओर चिंतन करना गहलोत जैसे लोगों के लिए बहुत मायने रखता है । वे ७२ साल के हो चुके है । गहलोत सदैव ही उपदेश देते रहे है कि जिस पार्टी ने लोगों को ज़मीन से सत्ता की कुर्सी पर बैठाया है, उन लोगों का दायित्व बनता है क़ि वे भी पार्टी के लिए कुछ समर्पित करें ।
समय का तक़ाज़ा है क़ि गहलोत को चिंतन शिविर के दौरान सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री पद के त्याग की घोषणा क़रके नए लोगों के लिए नया मार्ग प्रशस्त करना चाहिए । चिंतन के नाम पर मजमेबाज़ी से कुछ नही होने वाला है । इस शिविर की सार्थकता तभी है जब गहलोत मुख्यमंत्री पद का त्याग कर अपने अध्यक्ष की गरिमा का सम्मान करें । उम्मीद की जानी चाहिए कि गहलोत अध्यक्ष की भावनाओं का अवश्य सम्मान करेंगे ।