

राजस्थान पुलिस का चेहरा और चरित्र आज भी भृष्ट जनो के कारण आम जनता को भयभीत करता है I सामान्यतया पुलिस में महिला पुलिस अधिकारीयों को लेकर पुलिस के आला अधिकारी यह खुश फहमी पाल लेते है कि पुरुष अधिकारीयों के बजाय महिला पुलिस अधिकारी ज्यादा संवेदनशील होकर निष्पक्ष ईमानदारी से काम करते है I
वास्तव में ऐसा शायद कम होता है, जी हां राजस्थान की राजधानी के पुलिस आयुक्तालय में तैनात पुलिस उपअधीक्षक दीप्ती जोशी की कार्य शैली से सम्पूर्ण पुलिस प्रशासन पर यह सवाल खड़े हो जाते है I राजधानी में दूसरे आसाराम के नाम से पहचाने जाने वाले बलात्कारी जमील भोपा के विरुद्ध आधा दर्जन महिलाओ से छेड़छाड़ बलात्कार का प्रयास अश्लील हरकते करने के मुक़दमे दर्ज है I इस बलात्कारी जमील भोपे के विरुद्ध जयपुर शहर के चौमु थाने में दर्ज मुकदमा नंबर 484/17 अंतर्गत धारा, 420,406,354 आ. ई. पी. सी. में दर्ज हुआ, जिसकी जांच में जांच अधिकारी सेज थाना ने बलात्कारी जमील भोपे के विरुद्ध आरोप प्रमाणित मानकर इस बलात्कारी को धारा 41 सी. आर. पी. सी. का नोटिस थमा दिया I अपनी गिरफ्तारी के डर से बलात्कारी जमील भोपा राजस्थान उच्चन्यायालय में गया और अपनी याचिका में जमील भोपे ने अपने विरुद्ध दर्ज रिपोर्ट सं 484/17 थाना चौमु को रद्द करके उसकी गिरफ़्तारी रोक लगाने की मांग की I