

Director General of Anti-Corruption Bureau BL Soni's dream remained unfulfilled
भ्रस्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक बीएल सोनी का सपना अधूरा रह गया । अब वे अपनी जिंदगी में कभी भी डीजीपी यानी पुलिस महानिदेशक नही बन पाएंगे । रात 12 बजे उनके डीजीपी बनने की मियाद समाप्त होगई है ।
मुख्यमंत्री के बेहद करीबी बीएल सोनी पिछले काफी दिनों से डीजीपी बनने का प्रयास कर रहे थे । मुख्यमंत्री ने 28 जून को जोधपुर रवाना होने से पूर्व उन्हें पक्का आश्वासन भी दिया था । लेकिन उदयपुर में कन्हैयालाल टेलर की हत्या की वजह से सारा मामला गुड़ गोबर होगया । नए डीजीपी की नियुक्ति से पहले कानून व्यवस्था की स्थिति पर पुख्ता बन्दोबस्त करना पहली प्राथमिकता थी ।
इसके अतिरिक्त सोनी को डीजीपी नियुक्त करने से पूर्व वर्तमान डीजीपी एमएल लाठर को अनिवार्य सेवानिवृति के लिए राजी करना था । हालांकि लाठर डीजीपी का पद छोड़ने के बिल्कुल भी इच्छुक नही थे । लेकिन सीएम उनसे आग्रह करते तो निश्चय ही वे सोनी के लिए रास्ता क्लियर कर देते । लाठर की पुत्री का इसी 8 जुलाई को विवाह है । वे अपनी पुत्री का विवाह डीजीपी की हैसियत से करना चाहते है और अब इसी हैसियत से करेंगे ।
लाठर इसी नवम्बर माह में सेवानिवृत्त होने वाले है । इनके बाद कौन नया डीजीपी बनेगा, इसी पर चर्चा प्रारम्भ होगई है । वरिष्ठता के हिसाब से पंकज कुमार सिंह का नम्बर सबसे अव्वल है । इसके बाद नम्बर आता है बीएल सोनी का । ये दोनों गत रात को ही इस पद के लिए अयोग्य होगये है । डीजीपी बनने के लिए सेवानिवृति में न्यूनतम छह माह बकाया होने चाहिए ।
चौथा नम्बर है उत्कल रंजन साहू का । लेकिन इन्हें डीजीपी बनाया जाए, इसकी बहुत कम सम्भवना है । टक्कर रहेगी भूपेंद्र कुमार डक और उमेश मिश्रा के बीच । दोनो ही सीएम के बहुत करीब है । साथ ही दोनों बेहद योग्य एवं त्वरित निर्णय लेने वाले है । डक जोधपुर में बहुत ही लोकप्रिय अधिकारी है तो मिश्रा को गहलोत सरकार बचाने का श्रेय हासिल है । इंटेलिजेंस में इनकी बेहद मजबूत पकड़ है । उम्मीद यही है कि दोनों में से एक नया डीजीपी होगा ।