जयपुर

राजस्थान विधानसभा चुनाव: भाजपा में उन्ही लोगों को मिलेगा टिकट जो मापदंड में पाए जाएंगे उपयुक्त

Shiv Kumar Mishra
27 Jan 2023 8:57 AM GMT
राजस्थान विधानसभा चुनाव: भाजपा में उन्ही लोगों को मिलेगा टिकट जो मापदंड में पाए जाएंगे उपयुक्त
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कांग्रेस में चुनाव को लेकर प्रारंभिक तैयारियां भी नहीं हो पाई शुरू!

रमेश शर्मा

एक और जहां इसी वर्ष देश की नौ विधान सभाओं के चुनाव होने है वहीं अगले वर्ष याने 2024 में लोक सभा के चुनाव भी होने है। इसी को लेकर भाजपा और कांग्रेस पार्टियों के बीच घमासान जारी है। अंदरूनी घमासान के बीच भाजपा ने विधान सभा चुनाव में सभी नौ राज्यों में अपनी पार्टी की सरकार बनाने की तैयारिया शुरू कर दी है।

वहीं अगर केवल राजस्थान की बात करें तो कांग्रेस अभी तक प्रदेश में सीएम की कुर्सी की रस्साकस्सी पर भी अंकुश नहीं लगा सकी है। ऐसा नहीं है की सीएम की रस्सा कस्सी की दौड़ कांग्रेस में ही हो यह भाजपा में भी है। मगर भाजपा दौनो ही तरफ गंभीर रूप से रणनीति बनाने में जुटी हुई है। मुख्य रूप से दिग्गजों में गुट बंदी को समाप्त करने और प्रत्याशियों के चयन को लेकर मंथन शुरू कर दिया है। गुट बंदी को लेकर प्रदेश प्रभारी सहित संगठन मंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष तक ने कई हिदायतें दी मगर वो फिलहाल भले ही कम उजागर हो रही हो मगर आंतरिक रूप से अभी भी प्रभावी दिखाई पड़ती है।

इसी के साथ साथ प्रत्याशियों के लिए भी कई स्तर पर सूचनाएं जुटा रही है। तीन स्तरीय सर्वे में जहां गोपनीय रूप से विधान सभा क्षेत्र में सर्वे , जन आक्रोश सभाओं के तहत जिन जिन क्षेत्रों में सभाएं हुई किस किस ने कितनी सक्रियता से काम किया, कितनी भीड़ जुटाई और उस क्षेत्र में क्या प्रभाव रहा आदि बातों को भी ध्यान में रखा गया है। इसके अलावा यह भी सूचनाएं जुटाई जा रही है की कौन कौन ऐसे लोग है जो जिताऊ साबित हो सकते है। चर्चा है की बजाए किसी व्यक्ति विशेष नेता की अप्रोच के एक फार्मूले के तहत ही राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्याशियों का चयन होगा!

अगर बात करें कांग्रेस की तो फिलहाल गहलोत और पायलट की गुट बंदी चरम पर है। बयान बाजी पर लाख कोशिश के बावजूद अभी तक अंकुश लगाने में सफलता नही मिल पाई! हां इतना जरूर है की कांग्रेस प्रदेश प्रभारी रंधावा जरूर कुछ सख्त संदेश के माध्यम से कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को चेतावनी देकर संगठन को मजबूती देने में प्रयासरत है।

आज भी उन्होंने अजमेर में संभाग स्तरीय बैठक में माध्यम से यही संदेश देने के लिए और उनसे रूबरू होकर विचार जानने की शुरुआत की है। देखने वाली बात यह होगी कि तीस जनवरी को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के समापन के बाद क्या राहुल और खड़गे राजस्थान के सियासी संकट को समाप्त करने की और कोई कदम उठाएंगे! फिलहाल सब की नजर कल पीएम मोदी की मालासेरी यात्रा पर टिकी हुई है!

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