जयपुर

गहलोत ने सरकार रिपीट होने की धारणा को पहनाया अमलीजामा, जिस ने जो मांगा वही दिया

Shiv Kumar Mishra
18 March 2023 10:03 AM GMT
Big news about Ashok Gehlot of Rajasthan
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Big news about Ashok Gehlot of Rajasthan

कल की घोषणा से लगभग चार दर्जन सीटों पर टिकट पक्का होने के मिल रहे संकेत!

रमेश शर्मा

वैसे तो मैंने मेरे कल के ब्लॉग में ही बता दिया था कि एआईसीसी ने अपने इंस्टाग्राम के माध्यम से राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में अशोक गहलोत का नाम सीएम के चेहरा घोषित कर दिया था! और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सरकार रिपीट होने और एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनने की कवायद के रूप में 17 मार्च को जो विधानसभा में पूरक बजट की घोषणा की संभवत गए मूल बजट की घोषणाओं से भी ज्यादा लोकलुभावन रही। मुख्यमंत्री ने किसी भी ऐसे व्यक्ति को बजट से राहत दिलाने के लिए बाकी नहीं छोड़ा जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बजट से वंचित रहा हो।कहने की गर्ज यह की गहलोत ने जहां मुख्य बजट की घोषणा के समय बिजली और खाना बनाने की गैस पर राहत जैसा प्रस्ताव दिया था उससे भी बढ़कर कल उन्होंने राजस्थान में जिलों की घोषणा करके सबको आश्चर्यचकित कर दिया।

अगर कल के मुख्यमंत्री के बजट भाषण कि पूरे घोषणाओं पर गंभीरता से ध्यान दिया जाए तो उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से लगभग जिलों की घोषणा और अन्य कई घोषणाओं के साथ वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लगभग चार दर्जन प्रत्याशियों के नाम के भी अप्रत्यक्ष रूप से संकेत दे दिए हैं। अगर गहलोत के कल दी गई सौगातों को गंभीरता से देखा जाए तो इसमें स्पष्ट रूप से यह भी संकेत मिलते हैं कि उन्होंने राजनीतिक तौर पर भी अस्थिरता को दरकिनार करने की भरसक कोशिश की है। अगर बात की जाए अजमेर जिले की तो भले ही खुलकर कोई बात सामने नहीं आ रही हो लेकिन अंदर खाने रघु शर्मा के राकेश पारीक के माध्यम से सचिन पायलट से नजदीकी बढ़ने की चर्चाएं थी लेकिन 5 दिन पहले पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा में रघु शर्मा की जबरदस्त तारीफ करके रघु शर्मा को देने वाला को पाने वाला भी खुद ही बता कर यह संकेत दे दिए थे केकड़ी जिला बनकर रहेगा और केकड़ी को जिला बना कर गहलोत ने रघु को महत्व दिया है।

बात करें पुष्कर की तो धर्मेंद्र सिंह राठौड़ पिछले 1 साल से पुष्कर के ऐतिहासिक चहुमुखी विकास के लिए प्रयासरत थे और अब पुष्कर विकास प्राधिकरण के गठन की घोषणा ने उनका पुष्कर से विधायक बनने का पुख्ता संकेत दिया है। इसी प्रकार कांग्रेस के कोई पचास विधायकों कि उनकी विधानसभा में मांगी गई हर मांग से अधिक सौगातें देकर यह संकेत दिया है कि आने वाले चुनाव में एक बार फिर से प्रत्याशी बनाया जाएगा। अजमेर जिले में पिछले लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे झुंझुनू वाले के पार्टी से अलग हो जाने के बाद अब एक बार फिर से रघु शर्मा को अजमेर से सांसद बनाए जा सकते हैं क्योंकि भले ही अजमेर जिले के तीन टुकड़े हो गए हो लेकिन लोकसभा क्षेत्र अजमेर ही है। रघु शर्मा की जगह जिले के ही वर्तमान एक विधायक को केकड़ी से प्रत्याशी बनाया जा सकता है। और जिसे केकड़ी शिफ्ट किया जाएगा उसकी जगह पर एक उद्योगपति को वहां का प्रत्याशी बनाए जा सकते हैं।

पिछले चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे जिले की रेस में अग्रणी कदम रखने वाले एक नेता के साथ साथ दूसरे जिले के एक विधायक को नए जिले से भी प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा है। लेकिन यह सब कुछ फिलहाल चर्चाओं के साथ अकेले कहीं जा सकती हैं। ऐसे प्रत्याशियों के नाम खुद ही विधानसभा क्षेत्र के लोगों के दिमाग में और क्षेत्र में अभी चर्चा में हैं। मदरसों में 6000 शिक्षक लगाने की बात हो या राधा गोविंद देव जी भगवान का मंदिर,बांसवाड़ा का त्रिपुरा सुंदरी मैया का मंदिर, इन पर विशेष ध्यान दिया गया है। कर कई प्रसिद्ध मंदिरों की डीपीआर के माध्यम से विकसित करने की योजनाओं से धार्मिक भावनाओं से जुड़े लोगों को अपने पक्ष में करने, चिरंजीवी योजना में पंजीबद्ध महिलाओं को स्मार्टफोन रक्षाबंधन से देना शुरू कर देना जैसी घोषणा सहित अन्य कई ऐसी घोषणाएं हैं जिससे किसी न किसी रूप में राजस्थान को हर व्यक्ति प्रभावित हुआ है।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने वित्तीय व्यवस्था गड़बड़ाने जैसी बात कह कर हल्का-फुल्का विरोध किया है वहीं सचिन पायलट ने भी जिलों की घोषणा को विकास के क्षेत्र में उचित ठहराया है। अब देखने वाली बात होगी कि राजस्थान में सब कुछ ठीक-ठाक होने की दिशा में बढ़ते कदम के बीच राजस्थान की राजनीति में नहीं बल्कि लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में अन्य प्रदेशों में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सचिन पायलट को पार्टी किस तरह चुनाव में जोड़ना चाहेगी।

जहां तक ब्यूरोकैसी का प्रश्न है चाहे भारतीय प्रशासनिक सेवा यह पुलिस सेवा के अधिकारी हों या फिर राज्यस्तरीय प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारी एक साथ 19 जिले बनाए जाने और जिले बन जाने के बाद उसमें जिला परिषद और नगर सुधार न्यास जैसे अन्य कई कार्यालय खुल जाने के बाद अभी प्रशासनिक पदों पर अधिकांश अधिकारियों को फील्ड पोस्टिंग में रहने का और अधिक मौका मिलेगा!

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