
प्रताप सिंह के विशाल काय व्यक्तित्व की शीतल छाया में सुकून मिलता है, जयपुर की जनता को

मो हफीज
राजस्थान के रण बांकुरों की वीर गाथाओं की चर्चा समुचे देश विदेशों मे सुनी जाती है। पन्ना धाय, महाराणा प्रताप की वीरता और राणा प्रताप के वीर सेनापति पठान जाती के हकीम खान सूरी के अदम्य साहस, स्वामी भक्ति की साक्षी धरती पर राव शेखाजी के वंशज सिविल लाइंस विधानसभा से कांग्रेस के विधायक प्रताप सिंह का जन संघर्ष पूरे राज्य में सम्मानित हो रहा है। विधायक के रुप में प्रताप सिंह का कर्मयोग समय के कपाल पर अमिट निशान उकेर रहा है।
राजनेतिक रुप से भरे पूरे सम्रध्द परिवार में जन्म लेकर स्वर्गीय भेरोसिहं शेखावत के विशाल व्यक्तित्व की आभा के ओज से अलग हटकर राजधानी जयपुर में छात्र राजनीति से अपने जीवन की शुरुआत करने वाले प्रताप सिंह खाचरियावास निर्दलीय विधायक का चुनाव लडकर 70 हजार से अधिक मत लेने का कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं। राज्य के तीन बार मुख्यमंत्री रहे देश के उप राष्ट्रपति स्वर्गीय भेरोसिहं शेखावत की राजनीतिक विरासत को अब उनके भतीजे प्रताप सिंह ने अपने कर्मों बल पर आगे बढाया है। सार्वजनिक जीवन में अथवा राजनेतिक जीवन में सक्रिय रह कर काम करने वाले लोगों के जीवन में निरन्तर समर्पित भाव से जनसेवा करने के कारण एक समय ऐसा भी आता है जब व्यक्ति का व्यक्तित्व विराट स्वरूप धारण करके संस्था बन जाता है।
निस्संदेह जयपुर शहर में कर्मयोगी बने प्रताप सिंह का व्यक्तित्व भी आज विशालकाय रुप धारण करके एक संस्था बन गया है। अपने विधायक काल के पहले कार्यकाल मेही राजधानी की सिविल लाइंस विधान सभा क्षेत्र में सर्वाधिक विकास के कार्य करवाने का दम खम पूरे प्रदेश में प्रताप सिंह दिखा चुके हैं।गत विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार से काफी नजदीक से ये चुनाव हार गए थे।यहां गोरतलब होगा की आज के युग की राजनीति घोर जातिवादी और धार्मिक उन्मादी बन चुकी है राजनीति में फेले जातिवादी, धार्मिकता के घटाटोप अंधेरे में भी प्रताप सिंह जैसे वीर पुरुष विकास के लिए समर्पित होकर राजनीति कर रहे हैं।जिस विधानसभा क्षेत्र से प्रताप सिंह चुनाव लडते है उस विधानसभा क्षेत्र मैं इनकी जाती के मात्र पन्द्रह हजार मतदाता हैं जबकी जातीवाद एवं धार्मिक भेदभाव की राजनीति करने वाले अरुण चतुर्वेदी की जाती के मतदाता राजपूत जाती से कई गुना ज्यादा है। अपनी जाती के मतदाताओं की नगण्य संख्या होने के बाद भी प्रताप सिंह ने विपक्षी भाजपाई प्रत्याशी को18हजार मतो से हराकर अपने विकास पुरुष होने का प्रमाण पेश किया है।जातपांत उचं नीच अमीर गरीब का भेद भाव प्रताप सिंह की नजरो मे नही पाया जाता है इसी कारण प्रताप सिंह से निजी रुप से जुडकर इनके कार्यकर्ता तन मन से समर्पित होकर इनके लिए तैयार रहते हैं।
विधानसभा चुनाव में मिलि बडी हार के बाद जयपुर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर प्रताप सिंह को बेठा कर इनके संघर्शील झुझारू व्यक्तित्व का सम्मान किया था। प्रताप सिंह ने भी शहर जयपुर के कांग्रेस अध्यक्ष के रुप मे कांग्रेस पार्टी को 6 विधायक जिताकर जयपुर में न ई सोगात दी है। हर तीसरे दिन अपनी अनूठी संगठनात्मक क्षमता का परिचय देकर जयपुर की सडको पर भारी भीड़ के साथ इन्होंने भाजपा सरकार की जन विरोधी नीतियों का डटकर विरोध किया।जयपुर में तोडे गए सेकडो मंदिरों को बचाने के साथ भाजपा शासन में भूख से मरने वाली हजारों गाय माता की मोत पर प्रताप सिंह ने भाजपा नेता ओ को सडको पर ललकारा था।नोट बंदी, जी एस टी, पानी की बढी दरो, मंहगा पैट्रोल डीजल, रफाल विमान घोटाले पर जयपुर की सडको पर हमेशा ही प्रताप सिंह ने भाजपा सरकार को आडे हाथो लिया है। 21विधायको की संख्या बल वाली बेचारी सी दीन-हीन कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने जब कांग्रेस को थामा था तब यह पार्टी अपने जख्मों को सहला रही थी।
सचिन पायलट और राहुल गांधी ने प्रताप सिंह को जयपुर शहर कांग्रेस अध्यक्ष बना कर जो विश्वास इनमें व्यक्त किया था उस पर खरा उतर कर राजधानी में 6 विधायक जिता कर ब्याज सहित मूलधन लोटाने का काम प्रताप ने कर दिखाया। 36 वर्षों के लम्बे अरसे बाद कांग्रेस पार्टी को जयपुर शहर में विस्फोटक जीत मिली है। भाजपा की धर्म आधारित राजनीति की अवसर वादी शेली पर कांग्रेस के दो मुस्लिम विधायकों की जीत से राजधानी की जनता ने पूर्ण विराम लगा दिया। जयपुर शहर कांग्रेस अध्यक्ष के रुप में प्रताप सिंह के जन संघर्ष को जयपुर की जनता ने अपनी ओर से भरपूर सम्मान करके कांग्रेस की जीत का तोहफा दिया है। प्रताप सिंह के द्वारा आम जनता की समस्याओं के लिए किये गए संघर्ष समर्पण के बल पर इनके अपने विधानसभा क्षेत्र में हर गरीब कमजोर व्यक्ति अपने अंदर विधायक की शक्ति की अनुभूति करके स्वयं को विधायक समझता है।यही लोकतंत्र की भावना है जिसे जन जन तक पहुंचाने में प्रताप सिंह सफल रहे हैं इस प्रकार के गुण ही एक नेता को जन नायक बनाते हैं और प्रताप सिंह भी आज जयपुर शहर के जन नायक है।
मो हफीज राजस्थान व्यूरो चीफ