जयपुर

राजस्थान से बड़ी खबर: शीघ्र खुलने वाले है सुलह के दरवाजे, कल्ला और विश्वेन्द्र बन सकते है डिप्टी सीएम

महेश झालानी
12 Jun 2021 8:13 AM GMT
राजस्थान से बड़ी खबर: शीघ्र खुलने वाले है सुलह के दरवाजे, कल्ला और विश्वेन्द्र बन सकते है डिप्टी सीएम
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सचिन पायलट गुट को वैसे तो पिछले साल भर से सुनहरे सपने दिखाए जा रहे है । लेकिन लगता है कि अब जल्दी ही इस गुट की मांग पूरी होंने की संभावना है । ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि इस माह के अंत तक गहलोत और पायलट गुट में सम्मानजनक समझौता हो सकता है ।

दोनों के बीच सुलह में सबसे बड़ा पेंच यह है कि पायलट जिनको मंत्री बनवाना चाहते है, गहलोत को उन नामों पर आपत्ति है । पायलट अपने खेमे से छह मंत्री बनवाना चाहते है । जबकि गहलोत अधिकतम तीन मंत्री बनाने पर सहमत है । पायलट ने पिछले दिनों छह विधायको की सूची प्रियंका गांधी को भिजवाई थी । जिनमे हेमाराम, विश्वेन्द्र सिंह, रमेश मीणा, दीपेंद्र सिंह, गजराज खटाना और वेदप्रकाश सोलकी का नाम था । गहलोत इनमें से हेमाराम, विश्वेन्द्र सिंह तथा मुरारी लाल मीणा को मंत्री बनाने को राजी है । जबकि पायलट सभी छह विधायको के लिए पैरवी कर रहे है । खटाना, दीपेंद्र सिंह और वेदप्रकाश सोलंकी के नाम से भी गहलोत को बेहद चिढ़ है ।

हालांकि विश्वेन्द्र सिंह मुख्यमंत्री से मिलने के बाद पायलट से भी मिलने गए । लेकिन अब उनकी ज्यादा निष्ठा अशोक गहलोत के प्रति है । सार्वजनिक रूप से विश्वेन्द्र सिंह मुख्यमंत्री की भरपूर तारीफ भी कर चुके है । यह भी चर्चा जोरों पर है कि आगामी मंत्रिमंडल विस्तार में दो जनों को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है । ब्राह्मण कोटे से बीडी कल्ला और ओबीसी से विश्वेन्द्र सिंह । अगर कल्ला को उप मुख्य मंत्री नही बनाया जाता है तो शांति धारीवाल इस कुर्सी पर काबिज हो सकते है ।

कांग्रेस में झगड़ा विकराल रूप नही ले, इसलिए प्रियंका गांधी बीच बचाव करना चाहती है । उन्होंने पायलट को दिल्ली तलब किया है । लेकिन सूत्र इसकी पुष्टि नही करते है । क्योंकि प्रियंका फिलहाल हिमाचल प्रदेश है । वैसे आज नही तो कल पायलट की प्रियंका से बातचीत होना संभव है । वे छह नही तो चार विधायक हेमाराम, विश्वेन्द्र, रमेश मीणा और दीपेंद्र को मंत्री बनवाने की पैरवी करेंगे । रमेश मीणा और दीपेंद्र के नाम पर गहलोत किसी भी हालत में सहमत नही होंगे ।

उधर मंत्रिमंडल विस्तार की खबरों से वर्तमान मंत्रियों के होश उड़े हुए है । किसी को ड्राप नही किया गया तो उनका महकमा बदलना सुनिश्चित है । चिकित्सा मंत्री रघू शर्मा, परिवहन मंत्री प्रतापसिंह तथा प्रमोद जैन से महत्वपूर्ण विभाग छीनकर उन्हें सामाजिक अधिक्कारिता जैसा विभाग दिया जा सकता है । धारीवाल के विभाग में तब्दीली की उम्मीद कम है । लेकिन डोटासरा को विधि और न्याय विभाग दिया जा सकता है ।

राजस्थान के प्रभारी महासचिव अजय माकन राजस्थान की लड़ाई को स्थायी तौर पर समाप्त करने के पक्ष में नही है । लेकिन वे अकेले निर्णय लेने में सक्षम नही है । न तो उनकी बात पायलट मानते है और न ही वे गहलोत को निर्देश देने की स्थिति में है । आलाकमान उनको समय नही दे पा रहा है । इसलिए मामला खटाई में पड़ा है । जब तक सोनिया स्वयं हस्तक्षेप नही करेगी, तब तक राजस्थान का मसला सुलझने वाला नही है । प्रियंका भी सोनिया की सलाह पर सुलह करवाएगी ।



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