जयपुर

तस्वीर को गौर से देखिए: एक तरफ 6 महीने पहले बनाए गए प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी तो दूसरी तरफ पिछले 20 साल से राजस्थान बीजेपी सत्ता की धुरी वसुंधरा राजे

Shiv Kumar Mishra
12 Dec 2023 1:49 PM GMT
तस्वीर को गौर से देखिए: एक तरफ 6 महीने पहले बनाए गए प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी तो  दूसरी तरफ पिछले 20 साल से राजस्थान बीजेपी सत्ता की धुरी वसुंधरा राजे
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यह बीजेपी ही कर सकती है...

तस्वीर को गौर से देखिए। एक तरफ महज 6 महीने पहले बनाए गए प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और दूसरी तरफ पिछले 20 साल से राजस्थान की बीजेपी की राजनीति और सत्ता, दोनों की धुरी रहीं वसुंधरा राजे। कभी 30 विधायक उनके संपर्क में थे कभी 70 विधायक संपर्क में हो गए और कभी बगावत की आ रही खबरों के बीच बेहद शांतिपूर्ण तरीके से पीढ़ी परिवर्तन कर दिया गया। मुख्यमंत्री बनाया भी उसे जा रहा है जिसका दूर-दूर तक कहीं नाम तक नहीं था और पहली बार विधानसभा चुनाव जीतकर आए थे। संभवतः वे स्वयं भी विधायक बनना अपनी बड़ी उपलब्धि समझ रहे होंगे। 55 साल की उम्र में अधिकांश समय पार्टी के संगठन में देने के बाद मुख्यमंत्री पद तक एक कार्यकर्ता का पहुंचना राजनीति में काम करने वाले किसी भी कार्य करता को प्रेरित कर सकता है। पीढ़ी परिवर्तन का यह काम कांग्रेस नहीं कर पाई और सत्ता से बाहर हो गई।

इस दौर में राजस्थान जैसे राज्य में किसी ब्राह्मण चेहरे को मुख्यमंत्री सिर्फ भाजपा ही बना सकती थी। न तो इतनी बड़ी मांग और न ही ट्विटर पर ब्राह्मणों का कोई ऐसा इकोसिस्टम कि ब्राह्मण मुख्यमंत्री के लिए माहौल बना सकें। और कोई बना भी दे तो कोई सुनने वाला नहीं है फिलहाल बीजेपी में। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में क्रमशः आदिवासी और ओबीसी मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद राजस्थान में किसी क्षत्रिय या अजा वर्ग के मुख्यमंत्री चेहरे के कयास थे। भजन लाल शर्मा का नाम कहीं प्रमुखता से उभर कर भी नहीं आ रहा था। सभी लोग अपनी अपनी जातियों में उलझ कर रह गए थे जबकि बीजेपी का सिस्टम अपने कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाने पर काम करता है, यह अब समझ में आया है।

भजनलाल शर्मा का नए मुख्यमंत्री के तौर पर स्वागत कीजिए, ब्राह्मण चेहरे के तौर पर नहीं। भजनलाल जी को भी ऐसी मिसाल पेश करनी चाहिए कि वे सब को बराबर साथ लेकर चलें। जाति का ठप्पा अपने ऊपर बिल्कुल नहीं लगने दें। जातिवादी तत्व हमारे राजस्थान को बहुत पीछे ले जाने की कोशिश में है। इन कोशिशें को कामयाब नहीं होने देना चाहिए।

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