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मोदी को याद आये राजस्थान में जसवंत सिंह, आखिर क्यों?

मोदी को याद आये राजस्थान में जसवंत सिंह, आखिर क्यों?
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बाड़मेर. पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंतसिंह के मामले में सत्ता को अब जसवंत की याद सताने लगी है। प्रधानमंत्री के दौरे से ठीक पहले जिस मानवेन्द्र को भाजपा जिलाध्यक्ष आंखों की किरकिरी मान रहे थे उनके लिए तारीफ के शब्द निकले। जसवंत को लेकर भी मीठे बोल फूटने लगे है। बाड़मेर की राजनीति में चार साल बाद आए इस बदलाव ने प्रदेश स्तर तक की राजनीति को गर्माया है।
चार साल पहले लोकसभा चुनावों में मूंछ की लड़ाई में जसवंत हारे थे। फिर घर में फर्श से गिरे और कोमा में चले गए। जसवंत तब से हाशिए पर है और सत्ता के चार साल बीत गए। अब पचपदरा में प्रधानमंत्री का दौरा है। इससे ठीक पहले शिव से विधायक और जसवंतसिंह के पुत्र मानवेन्द्र ने उनके 80 वें जन्मदिवस पर एक आलेख लिखकर राजनीति को गर्मा दिया। उन्होंने जसवंत के जीवन के अनछुए पहलुओं को सामने लाया तो जसवंत की याद सत्ता को भी आ गई।

शुक्रवार केा भाजपा के जिलाध्यक्ष डा. जालमसिंह रावलोत ने जसवंतसिंह की तारीफ की और मानवेन्द्रसिंह के लिए भी कशीदे पढ़े। मानवेन्द्र और जालमसिंह लंब समय से मंच साझा नहीं करते है और एक दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते। एेेसे में भाजपा जिलाध्यक्ष का एकदम पलटना भी प्रधानमंत्री यात्रा तक जसवंत खेमे को खुश रखना माना जा रहा है।

बीते करीब एक पखवाड़े से शिव विधायक का प्रचार-प्रसार तो शुरू हुआ ही है साथ ही जसवंत के 80 वें जन्म दिवस पर भी सोशल मीडिया पर टिप्पणियां छाई रही। मानवेन्द्र के आलेख ने तो इसको और तेज कर दिया। प्रधानमंत्री के दौरे से ठीक पहले जसवंत को लेकर बन रहे माहौल ने भी सरकार को यह सोचने केा मजबूर किया है ।
प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर जहां सभी कार्यकर्ता जुटे है मानवेन्द्र अपने पारीवारिक जरूरी कार्य से देहरादून में है। उनकी गैर मौजूदगी में बन रहे माहौल को लेकर भी सरकार की चिंता बढ़ा दी है।
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