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56 इंच वाले मोदी महज तमाशबीन बनकर रह गए है
आज का दिन एनडीए सरकार के लिए सबसे शर्मसार दिन रहा। आज से 18 साल पहले 31 दिसम्बर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने आतंकवादियों के सामने पूरी तरह घुटने टेकते हुए कुख्यात आतंकवादी अजहर मसूद सहित 5 आतंकवादियों को ना केवल रिहा किया बल्कि उनकी दामाद जैसी ख़ातिरवादी की बल्कि इन मौत के सौदागरों को स्वयं रक्षा मंत्री जसवंत सिंह की सरपरस्ती में अफगानिस्तान के कंधार में पहुँचाया। भारतीय इतिहास में इससे बड़ी शर्मनाक घटना और कोई हो ही नही सकती। कल का भड़वा टाइप मसूद आज विश्व का सबसे खतरनाक आतँकवादी माना जाता है।
पठानकोट में हुए आतंकी हमले के बाद कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को अपनी सरपरस्ती में ले लिया। हमले की साजिश पाकिस्तान में अजहर के निर्देशन में तैयार की गई थी. वह आतंकियों का मेन हैंडलर था. उन्हें लगातार निर्देश दे रहा था। उसके अलावा उसका भाई अब्दुल रउफ असगर, मौलाना अशफाक अहमद, हाफिज अब्दुल शकूर और कासिम जान भी हैंडलर थे. इसका सबूत भारत सरकार ने पाकिस्तान को सौंप दिए थे।
अजहर आतंक का वो सौदागर है, जिसने भारत के खिलाफ एक नहीं सौ बार साजिश रची है। वह कंधार कांड के बाद से पाकिस्तान में बैठकर अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दे रहा है। उसकी अगुआई में ही पाकिस्तान के लाहौर के पास पठानकोट हमले का ब्लूप्रिंट तैयार किया गया था। उसका भाई रउफ 1999 में काठमांडो में एयर इंडिया के विमान के अपहरण का मुख्य साजिशकर्ता था। इस विमान को अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया था।
कंधार कांड के बाद रिहा हुआ अजहर
5 हथियारबंद आतंकियों ने 178 पैसेंजरों के साथ इंडियन एयरलाइन के IC-814 प्लेन को नेपाल के काठमांडू से हाईजैक किया था। उसे अमृतसर, लाहौर और दुबई के रास्ते अफगानिस्तान के कंधार एयरपोर्ट ले जाया गया था। यहां लोगों आठ दिनों तक बंधक बनाया गया था। उनको छोड़ने के बदले तीन खूंखार आतंकवादियों की रिहाई मांगी गई थी। इसके बाद मौलाना मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद जरगर और अहमद उमर सईद शेख को रिहा कर दिया गया था।
भारत से रिहाई के बाद बनाया संगठन
भारत से रिहा होने के बाद मसूद अजहर और खतरनाक हो गया। उसने भारत में आतंकी गतिविधियों को संचालित करने के लिए सन 2000 में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद बनाया। इसमें हरकत-उल-मुजाहिदीन और हरकत-उल-अंसार जैसे कई आतंकी संगठन भी शामिल हुए. अजहर हरकत-उल-अंसार का सचिव रह चुका है। 1994 में उसे श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था। मगर कंधार कांड के बाद भारत सरकार को उसे रिहा करना पड़ा था।
ये हैं जैश-ए-मोहम्मद के लीडर
1- मौलाना मसूद अजहर- चीफ
2- मौलाना करी मंसूर अहमद- प्रोपेगेंडा चीफ
3- मौलाना अब्दुल जब्बार- मिल्ट्री अफेयर
4- मौलाना सज्जाद उस्मान- फाइनेंस इंचार्ज
5- शाहनवाज खान और गाजी बाबा- चीफ कमांडर
6- मौलाना मुफ्ती मोहम्मद- लॉन्चिंग कमांडर
सन् 2001 में हुए भारतीय संसद पर हमले का मास्टरमाइंड मौलाना मसूद अजहर ही था. संसद पर हुए इस हमले में नौ सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। जबकि पांचों आतंकियों को मार गिराया गया था. भारत ने उस समय मसूद अजहर को सौंपने की मांग की थी, लेकिन पाकिस्तान ने सबूतों का हवाला देकर मना कर दिया था। इसके बाद अजहर भारत के खिलाफ लगातार आतंकी हमलों को अंजाम देता रहा है और आज भी दे रहा है। आज वह पाकिस्तान का दामाद है वहां रहकर भारत को खंडित करने के मंसूबे पाल रहा है। 56 इंच वाले मोदी महज तमाशबीन बनकर रह गए है।
महेश झालानी विशेष सवांददाता राजस्थान
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