जयपुर

मुख्य सचिव के लिए भागदौड़ प्रारम्भ, तीन महिला आईएएस अधिकारीयों में होगी जबरदस्त जंग

Shiv Kumar Mishra
8 Sep 2020 3:57 AM GMT
मुख्य सचिव के लिए भागदौड़ प्रारम्भ, तीन महिला आईएएस अधिकारीयों में होगी जबरदस्त जंग
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जबकि निवर्तमान मुख्य सचिव डीबी गुप्ता कभी क्रोधित नही होते थे। विनम्रता से पेश आना इनकी सबसे बड़ी खूबी थी।

महेश झालानी

यद्यपि वर्तमान मुख्य सचिव राजीव स्वरूप का सेवाकाल अगले माह की 8 तारीख को समाप्त हो रहा है तथा वे 31 अक्टूबर को कायदे से रिटायर्ड हो जाएंगे। उनके कार्यकाल में इजाफा होगा या नही, कुछ नही कहा जा सकता है। लेकिन अगले मुख्य सचिव बनने के इच्छुक अफसर अभी से जोड़तोड़ में जुट गए है। तीन महिला अधिकारी उषा शर्मा, श्रीमती नीलकमल दरबारी और वीनू गुप्ता के बीच इस पद के लिए कांटे की टक्कर है।

वर्तम्मान परिस्थितियों को देखते हुए राजीव स्वरूप के कार्यकाल में बढ़ोतरी होगी, इसकी संभावना बहुत कम बताई जा रही है। क्योंकि अधिकांश अफसर राजीव स्वरूप की कार्यशैली और बर्ताव को लेकर नाखुश है। बात बात में अफसरों को लताड़ना इनकी आदत में शुमार है। कुछ अफसर इन्हें अभिमानी भी बताते है। जबकि निवर्तमान मुख्य सचिव डीबी गुप्ता कभी क्रोधित नही होते थे। विनम्रता से पेश आना इनकी सबसे बड़ी खूबी थी।

यूं मुख्य सचिव बनने वालों की कतार बहुत लंबी है। लेकिन चर्चा है कि पीडब्ल्यूडी की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती वीनू गुप्ता को अगला मुख्य सचिव बनाया जा सकता है। श्रीमती गुप्ता प्रशासनिक दृष्टि से बेहद दक्ष और अनुशासित अधिकारी है। पूर्व मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की वीनू गुप्ता पत्नी है। ये जिस विभाग में रही, वहां बेहतर ढंग से कार्य किया। सौ आईएएस का तबादला होने के बाद भी ये पीडब्लूडी में ही कार्यरत है तथा मुख्यमंत्री की विश्वस्त अधिकारियों में शुमार है।

प्रशासनिक हलकों में चर्चा यह भी है कि राजीव स्वरूप का कार्यकाल छह माह बढ़ाया जा सकता है। इस हिसाब से ये अगले साल 30 अप्रैल को सेवानिवृत होंगे। वरिष्ठता के लिहाज से राजीवस्वरूप के पश्चात रविशंकर श्रीवास्तव का नम्बर आता है। इनकी सेवानिवृति 30 सितम्बर, 22 को होनी है। लेकिन इनकी सरकार से पटरी नही बैठती है। वर्तमान में भी ये सर्विस ट्रिब्यूनल जैसी बेकार पोस्ट पर पदस्थापित है। वसुंधरा के समय मे भी ये बर्फ में थे। गहलोत सरकार इनको मुख्य सचिव बनाएगी, इसकी संभावना नजर नही आती है।

तीसरे नम्बर पर आते है गिरिराज सिंह। अगले साल अप्रैल माह में इनका रिटायरमेंट है। श्रीवास्तव की तरह इनकी भी सरकार से पटरी नही बैठती है। अधिकांशतः ये फालतू की पोस्ट पर पदस्थापित रहे है और वर्तमान में भी राजस्थान टैक्स बोर्ड, अजमेर में हवा खा रहे है। जहाँ तक मधुकर गुप्ता की बात है, वे इसी माह रिटायर्ड होने जा रहे है।

श्रीमती उषा शर्मा भी मुख्य सचिव पद की प्रबल दावेदार हो सकती है। वर्तमान में दिल्ली तैनात श्रीमती उषा विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की निकटतम रिश्तेदार है। अक्खड़ होने के अलावा इनकी मंत्रियों से कभी नही बनी। इन्हें कुशल प्रशासक भी नही माना जाता है।

श्रीमती नीलकमल दरबारी भी मुख्य सचिव पद की प्रबल दावेदार हो सकती है। फरवरी, 23 में इनका रिटायरमेंट है। फिलहाल ये दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर तैनात है। बताया जाता है श्रीमती दरबारी राजस्थान लौटने की इच्छुक नही है। वे अपना कार्यकाल दिल्ली में बिताना चाहती है। वीनू गुप्ता की राह का सबसे बड़ा कांटा श्रीमती दरबारी ही है। अगर ये वापिस राजस्थान लौटती है तो वीनू गुप्ता का मुख्य सचिव बनना थोड़ा कठिन हो सकता है।

अगर श्रीमती नीलकमल दरबारी को मुख्य सचिव नही बनाया जाता है तो वीनू गुप्ता का मुख्य सचिव बनना सुनिश्चित है। राजस्थान के इतिहास में पति और पत्नी के मुख्य सचिव बनने का यह पहला उदाहरण होगा। वीनू गुप्ता का दिसम्बर, 23 में रिटायरमेंट है। इस प्रकार इनको तीन साल का लंबा समय कार्य करने को मिलेगा। वीनू गुप्ता और डीबी गुप्ता की पुत्री कुहुक भी पश्चिमी बंगाल कैडर की आईएएस है ।

निवर्तमान मुख्य सचिव डीबी गुप्ता भी इसी माह रिटायर होने वाले है । राज्य सरकार ने इनको मुख्य सचिव पद से हटाकर मुख्यमंत्री का सलाहकार बनाया है । अगर ये इसी पद पर बरकरार रहते है तो सरकार को इनकी नियुक्ति के आदेश पुनः जारी करने होंगे । वरना ये इसी 30 सितम्बर को सेवानिवृत हो जाएंगे ।

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