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राहुल गांधी हुए मीडिया से रूबरू, एक पत्रकार के सवाल पर गांधी ने कहा आपको आदेश देकर भेजा है क्या!
रमेश शर्मा
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की संसद की सदस्यता समाप्त करने के बाद राहुल गांधी आज दिल्ली स्थित एआईसीसी कार्यालय में नेशनल मीडिया से रूबरू हुए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयराम रमेश,अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और के सी वेणुगोपाल सहित अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे लेकिन प्रेस से राहुल गांधी ने ही बात की।
प्रेस को कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी का फोकस केवल शेल कंपनी पर ₹ बीस हजार करोड रुपए और मोदी और अडानी संबंध पर ही रहा। राहुल ने इस दौरान बहुत विश्वास भरे माहौल में प्रेस के पूछे गए प्रश्नों का जवाब दिया। हालांकि एक पत्रकार द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि क्या आप को आदेश देकर भेजा गया है अगर आपकी भाजपा मानसिकता है तो भाजपा ज्वाइन कर लीजिए। राहुल ने शुरआती तौर पर मीडिया को उन्होंने मीडिया को ब्रीफ करते हुए कहा "अडानी जी की शेल कंपनी में 20 हजार करोड़ रुपये किसी ने निवेश किया, यह पैसा अडानी जी का नहीं है, पैसा किसी और का है।
सवाल ये है कि ये 20 हजार करोड़ रुपये किसके हैं। गांधी ने कहा कि उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स निकाली। जिसके आधार पर अडानी जी और मोदी जी के रिश्ते के बारे में डिटेल में बोला। ये रिश्ता नया नहीं है, गांधी ने कहा कि उन्होंने नरेंद्र मोदी के गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए भी और अडानी के साथ फोटो भी प्रस्तुत किए। जो दर्शाता है कि रिश्ता पुराना है। गांधी ने कहा कि उन्हें लोकसभा में बोलने का मौका नहीं दिया गया। अपनी बात रुकने के लिए उन्होंने स्पीकर सर को दो बार पत्र दिए और एक बार रूबरू भी उनसे मिले लेकिन स्पीकर सर ने कहा कि यह नहीं हो सकता।
जब एक पत्रकार द्वारा यह पूछा गया कि कांग्रेस की प्रदेश सरकार में भी अडानी का इन्वेस्टमेंट हुआ है तो आप क्या कहेंगे, इस पर गांधी ने कहा कि अगर यह प्रमाणित हुआ कि उसमें हमारी पार्टी की सरकार के किसी मुख्यमंत्री का पैसा लगा हुआ है तो वह मुख्यमंत्री भी जेल जाएगा। पत्रकार वार्ता के दौरान राहुल गांधी कई बार बीच-बीच में पानी पीते भी दिखाई दिए।
कुल मिलाकर राहुल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूर्ण विश्वास में थे उन्होंने कहा कि वो लोकतंत्र में अपनी आवाज बंद नहीं करेंगे चाहे उन्हें मारा पीटा जाए या जेल में बंद कर दिया जाए। देखने वाली बात होगी कि पूरे मामले में एकजुट हुए विपक्षी दलों और खुद कांग्रेस की आगे क्या भूमिका रहेगी।