जयपुर

राजस्थान विधानसभा चुनाव: मोदी जी का 'दिल है कि मानता नहीं'

Special Coverage News
28 Nov 2018 11:05 AM IST
राजस्थान विधानसभा चुनाव: मोदी जी का दिल है कि मानता नहीं
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अनिल जैन

प्रधान सेवक जी की ओर से राजस्थान की चुनाव सभाओं में जिस नौटंकी का मंचन किया जा रहा है, वह नौटंकी तीन साल साल पहले बिहार विधानसभा के चुनाव में बुरी तरह पिट चुकी है। फिर भी 'दिल है कि मानता नहीं' की तर्ज पर राजस्थान की जनता के सामूहिक विवेक की परीक्षा लेने के अंदाज में मोदी जी लगे हुए हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान किसी ने भी प्रधानमंत्री मोदी की जाति नहीं पूछी थी, लेकिन मोदी जी हर चुनावी सभा में बगैर भूले न सिर्फ गर्व के साथ अपनी जाति का उल्लेख कर रहे थे बल्कि अलग-अलग इलाकों में अपनी अलग-अलग जाति बता रहे थे। कहीं वे अपने को पिछडा तो कहीं अतिपिछडा और कहीं दलित मां का बेटा तक बता रहे थे। वहां भूमिहार, राजपूत, मैथिल बाह्मण और कायस्थ समुदाय भी अगर अपने संख्या बल के आधार पर चुनाव के लिहाज से निर्णायक होता तो मोदी जी शायद इन जातियों से भी अपना नाता जोड लेते।

वहां उन्होंने और उनके अहम सिपहसालार अमित शाह ने चुनाव का अंतिम चरण आते-आते अपना प्रिय 'पाकिस्तान कार्ड' भी चल दिया था। (वैसे राजस्थान में भी मोदी जी ने इस कार्ड का सफाई से इस्तेमाल शुरू कर दिया है।) खैर, बिहार में उनका 'जाति' और 'पाकिस्तान' कार्ड बुरी तरह पीट गया था और उन्हें दारुण पराजय का सामना करना पडा था।

बहरहाल राजस्थान में भी मोदी जी से किसी ने उनकी जाति को लेकर कोई सवाल नहीं किया है, लेकिन वे राजस्थान की राजनीति में हाशिए पर पडे एक मूर्ख कांग्रेसी की टिप्पणी को कांग्रेस अध्यक्ष की टिप्पणी बता-बता कर हर चुनावी सभा में नाटकीय अंदाज में आंखें नचाकर और ताली पीटते हुए कांग्रेस पर जाति की राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं।

दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष अपनी चुनावी सभा में रॉफेल विमान सौदे का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री को सीधे-सीधे चोर कह रहे हैं और सभा में मौजूद भीड से भी कहलवा रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री जी इस बात का जरा भी बुरा नहीं मान रहे हैं। यहां तक कि उनकी पार्टी के भी किसी नेता को बुरा नहीं लग रहा है। किसी को लगे या न लगे मगर अपन को तो बहुत बुरा लगता है जब कोई हमारे प्रधानमंत्री को चोर कहता है। बहुत गंदी बात है ।

लेखक अनिल जैन वरिष्ठ पत्रकार है

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