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Rajasthan CM Ashok Gehlot said about Rajya Sabha: राज्यसभा को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने क्यों बोली ये बात?
Rajasthan CM Ashok Gehlot said about Rajya Sabha
Rajasthan CM Ashok Gehlot said about Rajya Sabha: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर मे कहा, साथ ही थे, साथ ही हैं, साथ ही रहेंगे... हमारे जब क्राइसिस आया था, उस वक्त सरकार बचाने वालों में जो अगुवा थे, उनसे बीजेपी को उम्मीद नहीं करनी चाहिए थी, न बीजेपी के समर्थित उम्मीदवार को भी, जब क्राइसिस के अंदर साथ दिया हो उसके मुकाबले में तो राज्यसभा के जो चुनाव हैं वो कुछ भी नहीं होता है। सरकार क्राइसिस में हो, सरकार रहेगी कि नहीं रहेगी, उस वक्त में जिस-जिसने साथ दिया हर व्यक्ति ने, हर माननीय सदस्य ने, उनसे वो उम्मीद ही क्यों कर रहे थे? और माहौल बना दिया मीडिया के अंदर भी। एक बात है कि हर विधायक की अपनी कुछ समस्याएं रहती हैं, कुछ हल होती हैं, कुछ नहीं भी होती हैं, अगर मान लो कोई कहने के लिए बात करे मुझसे तो वो कोई बुरी बात नहीं होती है। अब ये लोग बीएसपी के बैकग्राउंड के थे इन्होंने सिर्फ और सिर्फ इसीलिए जॉइन की पार्टी कि राजस्थान के अंदर जब 99 सीटें आई थीं कांग्रेस की कि भई राज्य के इंटरेस्ट में हम जीतकर तो आ गए हैं अब हम चाहेंगे कि गवर्नमेंट स्टेबल रहे, मजबूत बने, उसके लिए इन्होंने कांग्रेस जॉइन करना, मर्ज करने का निर्णय किया। जिनकी सोच इतनी बड़ी हो कि राजस्थान में गवर्नमेंट का स्थायित्व रहे, मजबूत रहे और वो तभी रहेगी जब हम लोग संख्या बल में मैजिक नंबर पार करेंगे, अगर उस वक्त में जिसने साथ दिया हो, हो सकता है कि उस वक्त में जो हम लोगों ने बातचीत की हो, कई मांगें पूरी होती हैं, कोई शर्त नहीं रखी इन्होंने, कोई शर्त नहीं रखी, पर जो व्यवहार होता है पार्टी के अंदर या जो काम होते हैं, जो अपने क्षेत्र में लोग उम्मीद करते हैं कि हमारे काम होंगे, उसमें अगर मान लो कोई कमी-वेशी रहती है, तो स्वाभाविक है कि हम जिस उम्मीद में हम आए थे कि भई हम लोग स्टेबल गवर्नमेंट देंगे, तो हमारा मान-सम्मान भी होगा, उसमें हो सकता है कि कोई कमी-वेशी रही हो, तो इसलिए वो छोटी-मोटी नाराजगी थी और मैं समझता हूं कि आज सब मेरे साथ यहां आए हैं, आप देख रहे हैं कि किसी को भी शिकायत नहीं है। सब मिलकर के तीनों सीटें कांग्रेस जीतेगी, ये मैं आपको कह सकता हूं आराम से और उनकी जो हॉर्स ट्रेडिंग का जो षड्यंत्र है उनका, उनको हमने पहले भी विफल किया है, जब-जब मौका आया है, हमने बीजेपी के हॉर्स ट्रेडिंग के षड्यंत्रों को पूरी तरह फेल किया है, इस बार भी आप देखेंगे 10 तारीख को शाम को कि उनके जो षड्यंत्र जितने भी चल रहे हैं हॉर्स ट्रेडिंग के, वो कोई काम नहीं आएंगे, ये मैं निवेदन करना चाहता हूं।
सवाल- परिवाद भी दिया है महेश जी का कांग्रेस विधायक दल की ओर से एसीबी में?
जवाब- वो इसलिए दिया है कि जो माहौल बना हुआ था कि जिस रूप में यहां पर बड़े रूप में हॉर्स ट्रेडिंग होगी, जब कोई उद्योगपति आता है तो ये आप मानकर चलो स्वाभाविक रूप से होता है कि वो क्यों आए हैं? जब संख्या बल नहीं है बीजेपी के पास में, तो वोट कौनसे लेंगे वो? कहां से लेंगे? क्यों लेंगे? मतलब कारण क्या है कि उनको वोट मिलेंगे? और जब मैं बार-बार बोल रहा हूं कि हमारे साथ में एकजुट हैं लोग, जब साथ दिया हमारा क्राइसिस के अंदर, उनसे वो कैसे उम्मीद कर सकते हैं ये बीजेपी वाले या कोई भी? तो पता नहीं क्या आपस में समझाइश हुई होगी उनके हाईकमान के बीच में, स्थानीय नेताओं के बीच में, वो तो वो जानें, पर हम कह सकते हैं कि हमारा कुनबा एकजुट है, तीनों सीटें हम जीतेंगे।
सवाल- आप कह रहे हैं कि आप सब एकजुट हैं, लेकिन सतीश पूनिया जब यहां पर आए थे, तो उन्होंने कहा था कि अगर सब एकजुट हैं तो इतने दिन पहले बाड़ेबंदी क्यों की जाए? विधायकों के मोबाइल क्यों लिए जाएं? इतनी पाबंदियां विधायकों पर?
जवाब- हम कभी मोबाइल लेते ही नहीं हैं, आपको जानकर आश्चर्य होगा, मोबाइल फोन वो लेते हैं, उनका विश्वास नहीं है। 2-2 प्लेन आकर खड़े थे इनके क्राइसिस के वक्त में, पोरबंदर ले जा रहे थे ये अपने विधायकों को, एक प्लेन खाली गया वापस, उनकी वो दुर्गति हुई जो बोलने वाले आप बता रहे हैं जिनका नाम बोल रहे हैं पूनिया जी का, उनको पूछो आपकी दुर्गति क्यों हुई? आपके खुद के विधायकों ने पोरबंदर जाना स्वीकार नहीं किया, क्राइसिस हमारे ऊपर आया हुआ था और वो शिफ्ट उनके ऊपर हो गया? इतनी घबराहट आ गई कि वो प्लेन खड़े हैं, प्लेन खाली जा रहा है, उनके लोग नहीं बैठ रहे हैं उसके अंदर, मोबाइल वो लेते हैं, हम कभी मोबाइल नहीं लेते हैं, विश्वास करते हैं, इसीलिए हम जीतते हैं। क्राइसिस के वक्त में आपको आश्चर्य होगा, हमने तमाम जो हमारे साथ थे, किसी का मोबाइल न चेंज किया, न बंद किया। उनके मोबाइल बिल्कुल खुले थे, अपने कार्यकर्ताओं से, अपने परिवारवालों से और हो सकता है कि उन्होंने ट्राय की हो बात करने की, उनसे बात करने की पूरी छूट दी गई थी, इतना बड़ा विश्वास होता है तब लोग साथ जुड़ते हैं, जिनको हम कोई लोभ नहीं दे रहे हैं, लालच नहीं दे रहे हैं, अन्य राज्यों में तो लाखों-करोड़ों रुपए खर्च करते हैं जब विधायक आता है कोई दूसरी पार्टी का कि चलो कम से कम चुनाव लड़ने का खर्चा तो हुआ होगा उसका, 1 लाख हुआ होगा, 2 लाख हुआ होगा, 5 लाख हुआ होगा, तो वो तो दो, हमने एक नया पैसा किसी को नहीं दिया आज तक जिंदगी में तभी साथ चलते हैं लोगबाग, यही फर्क है कांग्रेस और बीजेपी के अंदर, नमस्कार।