जयपुर

Rajasthan News: देसी घी के लड्‌डू खाकर 1 करोड़ के बंगले में रहती है गाय, दिन-रात होती है पूजा

Shiv Kumar Mishra
11 Nov 2022 7:16 AM GMT
Rajasthan News: देसी घी के लड्‌डू खाकर 1 करोड़ के बंगले में रहती है गाय, दिन-रात होती है पूजा
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राजस्थान के जालोर में रहने वाले कारोबारी नरेंद्र पुरोहित कई सालों से एक गोशाला से जुड़े थे. जहां वो गायों की देखभाल में अपना योगदान देते थे. एक दिन नरेंद्र पुरोहित ने श्री दंतशरणानंद महाराज की आज्ञा से छोटी दो साल की बछिया को गोद लेकर घर ले आए और उसका नाम राधा रखा.

पुरोहित ने बताया, "गाय के घर में आते ही कारोबार में बढ़ोतरी हुई. सब कुछ पहले से ज्यादा अच्छा लगने लगा. इसके बाद से पूरा परिवार राधा का भक्त हो गया और राधा उनके परिवार का अहम हिस्सा बन गई. राधा खाने में देसी घी से बने लड्‌डू खाती है, कभी-कभी उसे सूखा चारा दिया जाता है. राध बंगले के अंदर परिवार के साथ ही खाना पसंद करती है."

कारोबारी नरेंद्र पुरोहित ने बताया, "दो साल पहले जालोर में एक करोड़ रुपए खर्च कर बंगला बनवाया. इसमें राधा के लिए खास जगह रखी. वह बंगले के हर कमरे में घूमती है. जहां मन करता है, वहां बैठ जाती है. परिवार के सभी सदस्य दिन रात उसकी सेवा करते हैं और सुबह शाम उसकी पूजा कर आरती उतारते हैं."

10 लीटर दूध देती है राधा, सिर्फ ढाई लीटर ही घर में होता है इस्तेमाल

पुरोहित कहते हैं, "यहां आने के बाद राधा के तीन बछिया हुई. उनका नाम हमने मीरा, सोमा और गोपी रखा. राधा रोज 10 लीटर दूध देती हैं, जिसमें से सिर्फ ढाई लीटर ही इस्तेमाल किया जाता है बाकी उसकी बछड़ियों के लिए छोड़ दिया जाता है."

राधा के आने के बाद बढ़ने लगा व्यापार

नरेंद्र पुरोहित मुंबई में बीएमसी में कांट्रैक्टर हैं. उनका इलेक्ट्रिक टू व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग का कारोबार है. नरेंद्र कहते हैं उन्हें बचपन से ही गाय पालने का शौक था. जब वो राधा को घर लेकर आए तो बिजनेस में काफी बढ़ोतरी हुई.

पत्नी विमला पुरोहित, बेटियां सपना, निकिता और दो बेटे परेश और अभिजीत राधा की रोजाना आरती करते हैं. उसको देखे बिना खाना तक नहीं खाते हैं. जब वो कारोबार के सिलसिले में कहीं बाहर जाते हैं, तो वीडियो कॉल के जरिए राधा के दर्शन करते हैं.

राधा की सुरक्षा के लिए बंगले में लगाए CCTV

बंगाले में राधा की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी लगे हैं. नरेंद्र पुरोहित ने बताया कि एक बार राधा काफी बीमार हो गई थी. कई जगह उसका इलाज भी करवाया, लेकिन उसके बचने की संभवाना बेहद कम थी. उस समय उन्होंने सोचा कि अगर राधा को कुछ हो जाएगा तो वो सभी गायों को त्याग कर देंगे.

फिर उन्होंने श्रीकृष्ण भगवान से प्रार्थना की और धीरे-धीरे राधा की हालत में सुधार होने लगा. उन्होंने बताया कि पथमेड़ा गोशाला के संस्थापक श्री दंतशरणानंद महाराज की प्ररेणा से उन्होंने सुरभि नाम का इलेक्ट्रिक दुपहिया वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग का काम शुरू किया है. सुरभि नस्ल की गाय राधा है. बिजनेस के अच्छी ग्रोथ हुई, जिसके कारण वो गौसेवा में हर साल लाखों रुपए खर्च कर देते हैं.

साभार जयपुर

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