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राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के लिए लंबे समय से चल रही मशक्कत के बाद राज्यसभा सांसद मदनलाल सैनी के नाम पर सहमति बन गई. अब मदनलाल सैनी के नाम पर फाइनल मुहर लग गई है. शुक्रवार को प्रदेशाध्यक्ष के नाम पर सक्रिय हुए पार्टी तंत्र में सैनी का नाम फाइनल माना जा रहा था. अब राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मुहर लगा कर राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष पर लगा कोहरा साफ़ हो गया. मदनलाल सैनी अब राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष नियुक्त किये गए.
संघ पृष्ठभूमि के हैं मदनलाल सैनी
मूलत सीकर जिले की मालियों की ढाणी के रहने वाले हैं. राजनीति में आने से पहले भारतीय मजूदर संघ (भामस) से लंबे समय तक जुड़े रहने वाले सैनी ने राजनीति के लिए सीकर मुख्यालय से सटे माली बाहुल्य झुंझुनूं के उदयपुवाटी विधानसभा क्षेत्र को चुना. सैनी ने वर्ष 1990 में अपना पहला चुनाव उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र से लड़ा और विजयी रहे. उसके बाद वे संगठन में भी सक्रिय हुए और 1991 में एक साल भाजपा के झुंझुनूं जिलाध्यक्ष रहे. वहीं से संगठन में पदोन्नत होकर प्रदेश मंत्री बने तो जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. बाद में ओमप्रकाश माथुर के अध्यक्ष काल में प्रदेश महामंत्री रहे. बेहद साधारण जीवन शैली अपनाने वाले सैनी आज भी बस में सफर करते हैं.
सैनी ने 1993 में लोकसभा चुनाव में भी भाग्य आजमाया, लेकिन सफल नहीं हो पाए. सैनी ने 1993 में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे शीशराम ओला के सामने झुंझुनूं लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए. उसके बाद सैनी ने 2003 और 2008 में भी उदयपुरवाटी से विधानसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन सफल नहीं हो पाए. इस दरम्यिान सैनी ने संगठन में अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखी.
वे गत करीब 20 साल से भाजपा अनुशासन समिति के अध्यक्ष हैं. सैनी वर्तमान में राज्यसभा सांसद होने के साथ ही भाजपा किसान मोर्चे के प्रदेशाध्यक्ष भी हैं. सैनी की ससुराल झुंझुनूं के नवलगढ़ में है. उनके पांच पुत्रियां और एक पुत्र है. पुत्र मनोज सैनी पेशे से वकील हैं. वे हाईकोई में वकालत करते हैं.
भाजपा आलाकमान के द्वारा राजे की पसंद के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी को उप चुनाव में मिली करारी हार के कारण पद से हटाकर अपनी पसंद के गजेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष के पद पर बेठा दिया था. राजे के वीटो पावर के कारण भाजपा आलाकमान की पसंद के गजेंद्र सिंह आज भी घोषणा के बाद अधर झूल मे लटक रहे हैं. भाजपा आलाकमान गजेंद्र सिंह को अध्यक्ष बनाकर आगामी विधानसभा चुनाव में राजे समर्थक विधायकों के टिकिट काटकर मुख्य मंत्री राजे के पर कतरना चाहता है जो राजे को कतई बर्दाश्त नहीं है. मुख्यमंत्री राजे कोराज्य में भाजपा आलाकमान का दखल देना किसी भी कीमत परमंजूर नहीं है यह विवाद अब आरपार की जंग में बदल गया है.आलाकमान भी अब विवाद रहित मुख्य मंत्री और आलाकमान की साझा पंसद के मदन लाल सैनी को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनाने के लिए सहमत हो गया है.
मदनलाल सैनी वर्तमान में राज्य सभा के सासंद है इनकी गहरी राजनीतिक समझ और व्यापक जनाधार के कारण जयपुर से देहली तक इनके नाम पर सभी नेताओं मे सहमति बन गई है. वर्ष1970मे विधी स्नातक बनकर वकालत करने वाले सैनी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत विधार्थी परिषद के जिला और प्रदेश पदाधिकारी बनने से की।प्रदेश के मजदूरों के लिए भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महा मंत्री बनकर सैनी ने लम्बे संघर्ष के बल पर राज्य में अपनी अलग पहचान बनाई. भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारी के रूप में सैनी ने अमेरिका जर्मनी इगंलेण्ड की यात्रा वंहा के मजदूर यूनियन के बुलाए जाने पर की.1990के विधानसभा चुनाव में वे झुन्झुनु जिला के गुढा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर विधायक चुनाव जीतकर बने.
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