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तो क्या जयपुर की बची हुई तीन सीटों पर भाजपा ने कांग्रेस को वॉकऑवर दे दिया!
नवनीत शर्मा
जयपुर की बची हुई तीन सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों के नामों की घोषणा के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा ने जयपुर शहर की कम से कम आधी सीटों पर कांग्रेस को लगभग वॉकओवर दे दिया है।
आज घोषित सीटों में सबसे पहले बात करें सिविल लाइंस की। सिविल लाइंस से आरएसएस के पुराने स्वयंसेवक और महानगर टाइम्स के संपादक गोपाल शर्मा प्रत्याशी बनाए गए हैं। गोपाल शर्मा सांगानेर क्षेत्र से टिकट मांग रहे थे और पिछले लगभग 6 महीने से वहां तैयारी भी कर रहे थे। जबकि सांगानेर से 15 दिन पहले भजन लाल शर्मा को टिकट दे दिया गया। मजेदार बात यह है कि भजन लाल शर्मा खुद भरतपुर से टिकट मांग रहे थे और उनकी तैयारी भी वहीं पर थी। जब भजनलाल शर्मा के खिलाफ सांगानेर में बगावत के सुर तेज होने लगे तो जयपुर के दक्षिण से उत्तर की ओर दौड़ाकर गोपाल शर्मा को सिविल लाइंस ले आया गया।
अब चुनाव प्रचार के लिए मात्र 17 दिन शेष बचे हैं और इसमें भी छह दिन दीपावली की छुट्टियों के निकल जाएंगे। गोपाल शर्मा तो इतने दिन में सिविल लाइंस का भूगोल भी नहीं समझ पाएंगे और कार्यकर्ताओं के नाम भी याद नहीं कर पाएंगे। लगता है कि प्रतापसिंह खाचरियावास का राजयोग एक बार फिर प्रबल हो रहा है।
यही स्थिति किशनपोल की है। यहां से तीन चुनाव जीते और एक बार हारे हुए मोहनलाल गुप्ता एक बार फिर दावेदारी कर रहे थे। इस क्षेत्र में वैश्य मतदाताओं की बहुलता और उसमें भी खंडेलवाल समाज की अधिक संख्या को देखते हुए भाजपा में यह सीट खंडेलवाल समाज के लिए आरक्षित सी कर दी गई है।
टिकट आवंटन प्रक्रिया के बीच में ही अचानक कांग्रेस पार्टी से जुड़ी हुई और जयपुर की पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल के पाला बदलकर भाजपा ज्वाइन कर लेने से यहां उनकी दावेदारी भी प्रबल समझी जा रही थी और माना जा रहा था कि वह टिकट की गारंटी पर ही पार्टी में आई है। खंडेलवाल समाज के ही एक और प्रमुख भाजपा नेता सोहनलाल तांबी भी यहां के दावेदार थे।
इन शब्दों को दरकिनार करते हुए आरएसएस खेमे से आने वाले और अपेक्षाकृत एक अनजान से चेहरे चंद्रमनोहर बटवाड़ा को पार्टी ने यहां से मैदान में उतारा है। यद्यपि पार्टी की ओर से घोषित अधिकृत सूची में इनका नाम चंद्रमोहन बटवाड़ा लिखा गया है जिसका मतलब है कि पार्टी के आकाओं को भी इनका सही नाम मालूम नहीं है। वैसे बटवाड़ा खंडेलवाल समाज में ही विवादास्पद रहे हैं और समाज की कई गुटों में बंटी राजनीति में एक गुट विशेष के झंडाबरदार हैं। इन पर समाज की शैक्षणिक और धार्मिक संस्थाओं पर कब्जा करने के आरोप हैं और इनका स्वयं का समाज ही इनकी मुखालफत करता रहता है और संस्थाओं को मुक्त करवाने के लिए कई बार इनके घर पर प्रदर्शन कर चुका है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अपने समाज को मना पाने में वे कितना कामयाब हो पाते हैं।
आज घोषित सीटों में भाजपा का तीसरा नाम है आदर्श नगर से रवि नय्यर का। नय्यर इस क्षेत्र के लिए एक जाना पहचाना नाम है। पंजाबी महासभा के अध्यक्ष होने के साथ ही जयपुर के प्रमुख समाजसेवियों में भी उनकी गिनती होती है। किंतु उनके सामने भी चैलेंज यह है कि उनके प्रतिद्वंद्वी रफीक खान को पंद्रह दिन पहले टिकट मिल चुका और वे यहां से सिटिंग एमएलए भी हैं। नय्यर के लिए अब क्षेत्र को साधने के लिए समय काफी कम रह गया है। यहां से विधायक रहे पूर्व महापौर अशोक परनामी का रुख भी अभी सामने आना बाकी है क्योंकि वह स्वयं भी यहां से पार्टी के टिकट की दावेदारी कर रहे थे।