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अजमेर में अशोक गहलोत को उतारने में दिक्कत क्या है ?

महेश झालानी
8 Jan 2018 9:31 AM IST
अजमेर में अशोक गहलोत को उतारने में दिक्कत क्या है ?
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क्या इस दफा पप्पू पास होगा, संदेह है।

यदि कांग्रेस को अजमेर उप चुनाव जीतना है तो आलाकमान को यहां से अशोक गहलोत को मैदान में उतारना चाहिए। रघु शर्मा, सचिन पायलट सब फ्यूज बल्ब है। गहलोत ही एकमात्र ऐसे नेता है जो शाह से लेकर मोदी को पसीना ला सकते है। गुजरात मे वे अपनी जादूगरी दिखा चुके है। बकौल गहलोत के मीडिया सलाहकार यासीन के पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी यह इच्छा आलाकमान को बता दी है। कांग्रेस के हित मे इससे बेहतर कोई निर्णय नही हो सकता है।

उधर कुछ लोगो की यह भी मान्यता है कि जिस तरह पायलट पलायन कर गए, उसी प्रकार गहलोत ने भी किनारा कर लिया। कांग्रेस यहाँ से बाजी मारेगी, यह ख्याली पुलाव के अलावा कुछ नही है। हार-जीत का अंतर 30 हजार वोट से ज्यादा होगा। सारे मंत्री, विधायक, लाखो भाजपाइयों और संघियो ने महीने भर पहले से डेरा डाल रखा है। लोगो को हाथों हाथ आदेश और काम का वादा किया जा रहा है। शेषन के बाद चुनाव आयोग सत्ताधारी दल का एजेंट बन कर राह गया है। उसकी विशवशनीयता संदिग्ध दिखाई देती है।


आपको बता दें कि कांग्रेस को राजस्थान में करो मरो की हालात में अगर कमजोर उम्मीदवार पर दांव खेला तो उप चुनाव ही नहीं राज्य विधानसभा के चुनाव में भी कमजोर नजर आएगी। अभी गुजरात में अशोक गहलोत मोदी को लोहा मनवा कर आये है। जो यहाँ भी साबित हो सकता है और अजमेर सीट पर कांग्रेस का कब्ज़ा हो सकता है।

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