जोधपुर

राजस्थान में बड़ा हादसा : जोधपुर में शादी समारोह में 6 गैस सिलेंडर फटने से अब तक 5 लोगों की मौत, 60 झुलसे

Arun Mishra
9 Dec 2022 4:56 AM GMT
राजस्थान में बड़ा हादसा : जोधपुर में शादी समारोह में 6 गैस सिलेंडर फटने से अब तक 5 लोगों की मौत, 60 झुलसे
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इस हादसे में 60 लोग झुलसे है जिनमें से 10 की हालत अब भी नाजुक बताई जा रही है।

जोधपुर: राजस्थान के जोधपुर में गांव भूंगरा में गैस सिलेंडर फटने से हुए हादसे में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हादसे में 60 लोग झुलसे है जिनमें से 10 की हालत अब भी नाजुक बताई जा रही है।

जोधपुर के माता का थान थाना क्षेत्र में हुए गैस सिलेंडर के घाव अभी भरे ही नहीं थे कि गैस सिलेंडर ब्लास्ट का एक और हादसे से जिला सहम गया है. दरअसल जोधपुर जिले के शेरगढ़ क्षेत्र में भुंगरा गांव में गुरुवार दोपहर शादी एक समारोह स्थल पर बारात रवानगी से पहले बड़ा हादसा हुआ, जहां लीकेज के बाद बारी-बारी से 6 गैस सिलेंडर फटने से अब तक 5 लोगों की मौत हो गयी. वहीं इस हादसे में 61 लोग झुलस गए. इस हादसे में झुलसने वालो में जहां दुल्हे का पिता भी शामिल हैं, वहीं महिलाओं और मासूम बच्चों के भी घायल होने की खबर है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार 35 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. इस हादसे में पूरी ढाणी जल गई. हादसे के बाद शादी समारोह और गांव में शोक छा गया. बताया जा रहा है कि समारोह के दौरान खाना बन रहा था और अनेक ग्रामीण खाना खा रहे थे. आग लगते ही खाना बनाने वाले गैस चालू छोड़ भाग गए. भट्टियों की पाइप तक झुलस गईं, जिससे और गैस लीकेज होती रहीं और यह बड़ा हादसा घटित हो गया.

सूचना के बाद जोधपुर से एक दमकल भी मौके पर आई. 60 घायलों को शेरगढ़, बालेसर व सेतरावा के सरकारी अस्पताल ले जाया गया. प्राथमिक उपचार के बाद कुछ लोगों को घर भेजा गया. जबकि 51 घायलों को जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल रैफर किया गया. तब तक दो साल के बालक व चार साल की बालिका की मौत हो चुकी थी. 35 घायलों की हालत गंभीर बताई जाती है.

बारात रवानगी से पहले हुआ हादसा

विवाह समारोह के दौरान बारात रवानगी से कुछ देर पहले दोपहर करीब डेढ़ बजे ढाणी के चौक में दुल्हे को तैयार करने के साथ ही नेत भराई की रस्म अदा की जा रही थी. महिलाएं विवाह के मंगल गीत गा रही थी और पास ही खाना बन रहा था. रिश्तेदार व ग्रामीण खाना खा रहे थ. इस दौरान पीछे की तरफ सिलेण्डर में गैस लीकेज हो गया और उसमे आग लग गई. बताया जा रहा है कि खाना बनाने वाले मौके से भाग गए. गैस ढाणी में फैलने लगी और इस दौरान सिलेंडर ब्लास्ट हो गय. बताया जा रहा है कि गैस इतनी फैल चुकी थी कि धमाके के साथ वहां मौजूद ग्रामीणों के कपड़ों तक में पहुंच गई. हादसे में समीप ही रखे में रखे गैस के दो सिलेण्डर धमाके के साथ फट गए. पूरी ढाणी में आग लग गई. घटना के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई और लोगों में अफरा-तफरी मच गई. देखते ही देखते ही लोग झुलसने लग गए. मांगलिक खुशियों का माहौल गमगीन माहौल में तब्दील हो गया.

प्रशासनिक सूझबूझ ने नहीं होने दी कही चूक

घटना की जानकारी मिलते ही जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य दिलीप कछवाहा महात्मा गांधी अस्पताल के अधीक्षक राजश्री बैरवा को तुरन्त निर्देशित किया. जगदीश मेले के साथ ही अस्पताल प्रशासन ने महात्मा गांधी अस्पताल के नवीन ओपीडी में 4 वार्ड खाली करवा कर उनको तुरंत बर्न यूनिट में तब्दील कर दिया.वहीं बर्न यूनिट से संबंधित सभी कर्मचारी डॉक्टर से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को तुरंत छुट्टियां रद्द कर अस्पताल बुला लिया गया. हादसे में घायलों के अस्पताल पहुंचने से पहले अस्पताल उनके इलाज के लिए तत्पर नजर आया. वहीं जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता व एसपी अनिल कयाल घटनास्थल पर पहुंच गए.

आरसीएच चेयरमैन वैभव गहलोत मौके पर पहुंचे

आरसीए चेयरमैन वैभव गहलोत आज जोधपुर दौरा तय था. वे जयपुर से रेल मार्ग से अपने तय कार्यक्रमों में शिरकत करने जोधपुर पहुंच रहे थे इस दौरान उन्हें इस हादसे की जानकारी मिली और उन्होंने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर तुरंत अस्पताल पहुंचे और प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिए साथ ही उन्होंने बताया कि उन्होंने घायलों को आर्थिक मदद देने के लिए सरकार से अपील की है और जल्द से जल्द उन्हें आर्थिक मदद मिल जाएगी साथ ही उन्होंने कहा कि प्रत्येक मरीज को उचित इलाज मिले इसके पुख्ता व्यवस्था करने के निर्देश उन्होंने जिला प्रशासन तथा अस्पताल प्रशासन को दी है. इस दौरान उनके साथ शेरगढ़ विधायक मीना कंवर शहर विधायक मनीषा पवार भी मौजूद रही.

जोधपुर के प्रशासनिक समन्वय ने की मिसाल कायम

अक्सर बड़े हादसों के दौरान कई तरह की प्रशासनिक खामियां सामने आती है और लोगों में आक्रोश दिखाई देता है लेकिन जोधपुर में हुए इस हृदय विदारक हादसे के दौरान जिला प्रशासन ने जिस प्रकार से अस्पताल में व्यवस्थाएं की और जिस प्रकार से आपसी तालमेल से इन परिस्थितियों को संभाला उससे कहीं ना कहीं प्रदेश भर में एक मिसाल कायम की है कि किस तरह से ऐसी विषम परिस्थितियों से उचित प्रबंधन से लड़ा जा सकता है.

कुल 63 हुए घायल 51 को लाया गया जोधपुर

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य दिलीप कच्छवाह ने बताया कि कुल 63 लोग घायल हुए थे, जिनमें से 12 लोग मामूली घायल थे जिनका प्राथमिक उपचार कर उन्हें छुट्टी दे दी गई. वहीं 51 लोग गंभीर घायल थे जिन्हें जोधपुर में पर किया गया उनमें से 33 लोग 60 फीसद से ज्यादा जले हुए हैं उनकी स्थिति गंभीर है उनके जीवन को खतरा है उनमें से 11 लोग 90 से 100 फ़ीसदी तक जल गए हैं वह जीवन और मौत से संघर्ष कर रहे हैं जिनका इलाज जारी है.

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