प्रतापगढ़

SDM Gyanendra Vikram death of Naib Nazir Sunil Mishra: कौन है एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम जिनकी पिटाई से नायब नाजिर सुनील मिश्रा की मौत हो गई

Shiv Kumar Mishra
3 April 2022 4:13 PM GMT
SDM Gyanendra Vikram death of Naib Nazir Sunil Mishra: कौन है एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम जिनकी पिटाई से नायब नाजिर सुनील मिश्रा की मौत हो गई
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एसडीएम पर पिटाई का आरोप लगाने वाले लालगंज तहसील में तैनात नायब नाजिर सुनील कुमार शर्मा (55) की शनिवार रात मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसकी जानकारी होने पर कर्मचारी संगठन भड़क गए। अस्पताल पहुंचे कर्मचारियों और वकीलों ने घटना को लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया।

पुलिस को शव कब्जे में लेने से रोक दिया। घटना की जानकारी पर पुलिस और प्रशासन के अफसर भी अस्पताल पहुंच गए। देर रात तक कर्मचारी आरोपी एसडीएम के खिलाफ केस दर्ज करने और उनकी गिरफ्तारी की मांग पर अड़े थे। उधर, डीएम ने मामले में मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। देर रात एसडीएम को हटाकर मुख्यालय से संबद्ध कर दिया। डीएम के आदेश पर देर रात आरोपी एसडीएम के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। उसके गिरफ्तार किए जाने की भी चर्चा रही।

▪️आरोप - 30 मार्च को एसडीएम ने घर में घुसकर पीटा

लालगंज तहसील में नायब नाजिर के पद पर तैनात शहर के विवेक नगर के रहने वाले सुनील कुमार शर्मा ने 31 मार्च को पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया था कि 30 मार्च की रात एसडीएम लालगंज ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह होमगार्ड के साथ आए और उन्हें डंडे से जमकर पीटा। हालांकि पुलिस तहरीर मिलने से इनकार करती रही। दूसरे दिन घायल सुनील शर्मा की पीठ पर लाठियों के निशान देख कर्मचारी आक्रोशित हो उठे।

▪️एसडीएम की गिरफ्तारी पर अड़े कर्मचारी

उन्हें उपचार के लिए सीएचसी ले जाया गया। शुक्रवार को तबीयत बिगड़ने पर नायब नाजिर को लालगंज स्थित ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया, लेकिन यहां हालत में सुधार नहीं हुआ। शनिवार को स्थिति गंभीर देख नायब नाजिर को मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जहां रात में उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसकी जानकारी के बाद बड़ी संख्या में कर्मचारी भी अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने पुलिस को शव कब्जे में लेने से रोक दिया। देर रात तक कर्मचारी आरोपी एसडीएम की गिरफ्तारी करने की मांग पर अड़े थे।

▪️आक्रोशित कर्मचारियों ने मेडिकल कॉलेज गेट पर लगाया जाम, नारेबाजी

एसडीएम पर पिटाई का आरोप लगाने वाले लालगंज तहसील में तैनात नायब नाजिर सुनील शर्मा की मौत से नाराज कर्मचारियों ने शनिवार रात मेडिकल कॉलेज गेट पर जाम लगा दिया। शव के साथ एंबुलेंस गेट पर खड़ी कराकर कर्मचारी नारेबाजी करने लगे।

इस दौरान कर्मचारियों से कई बार पुलिस की नोकझोंक हुई। कर्मचारियों का आक्रोश देखकर पुलिस बैकफुट पर आ गई। बवाल बढ़ने पर देर रात डीएम-एसपी मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे। डीएम ने कर्मचारियों को समझाने के बाद आरोपी एसडीएम के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।

▪️देर रात तक होता रहा बवाल

एसडीएम लालगंज की पिटाई से मरे तहसीलकर्मी सुनील शर्मा की मौत के बाद देर रात तक बवाल होता रहा। घटना से आक्रोशित कर्मचारियों ने शव के साथ एंबुलेंस को गेट पर खड़ा कराकर नारेबाजी शुरू कर दी। कर्मचारियों के गेट पर जाम लगाने के चलते मरीजों को परेशान होना पड़ा। कर्मचारी तत्काल एसडीएम के खिलाफ मुकदमा और गिरफ्तारी की मांग पर अड़े थे।

कर्मचारी किसी को भी अस्पताल के अंदर नहीं जाने दे रहे थे। मौके पर पहुंची पुलिस से कई बार उनकी झड़प और नोकझोंक हुई। देखते ही देखते राजस्व, स्वास्थ्य, विकास विभाग समेत अन्य विभागों के कर्मचारी नेता भी अस्पताल गेट पर पहुंच गए। कर्मचारी नेता अफसरों पर दोषी एसडीएम को बचाने का आरोप लगाते रहे। कर्मचारियों का कहना था कि तहरीर देने के बाद भी दो दिनों तक मुकदमा नहीं दर्ज किया गया।

अफसर भी पीड़ित की बात को नजरअंदाज करते रहे। जिसके चलते घायल कर्मचारी का सही से उपचार नहीं हो सका। कर्मचारियों का गुस्सा देखकर पुलिस बैकफुट पर रही। देर रात करीब सवा ग्यारह बजे डीएम डॉ. नितिल बंसल और एसपी सतपाल अंतिल मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे। डीएम ने कर्मचारियों को समझाने के साथ ही कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी। एसडीएम के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।

देर रात तक होता रहा बवाल

एसडीएम लालगंज की पिटाई से मरे तहसीलकर्मी सुनील शर्मा की मौत के बाद देर रात तक बवाल होता रहा। घटना से आक्रोशित कर्मचारियों ने शव के साथ एंबुलेंस को गेट पर खड़ा कराकर नारेबाजी शुरू कर दी। कर्मचारियों के गेट पर जाम लगाने के चलते मरीजों को परेशान होना पड़ा। कर्मचारी तत्काल एसडीएम के खिलाफ मुकदमा और गिरफ्तारी की मांग पर अड़े थे।

▪️कर्मचारी किसी को भी अस्पताल के अंदर नहीं जाने दे रहे थे।

मौके पर पहुंची पुलिस से कई बार उनकी झड़प और नोकझोंक हुई। देखते ही देखते राजस्व, स्वास्थ्य, विकास विभाग समेत अन्य विभागों के कर्मचारी नेता भी अस्पताल गेट पर पहुंच गए। कर्मचारी नेता अफसरों पर दोषी एसडीएम को बचाने का आरोप लगाते रहे। कर्मचारियों का कहना था कि तहरीर देने के बाद भी दो दिनों तक मुकदमा नहीं दर्ज किया गया।

अफसर भी पीड़ित की बात को नजरअंदाज करते रहे। जिसके चलते घायल कर्मचारी का सही से उपचार नहीं हो सका। कर्मचारियों का गुस्सा देखकर पुलिस बैकफुट पर रही। देर रात करीब सवा ग्यारह बजे डीएम डॉ. नितिल बंसल और एसपी सतपाल अंतिल मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे। डीएम ने कर्मचारियों को समझाने के साथ ही कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी। एसडीएम के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। खबर लिखे जाने तक कर्मचारी अस्पताल गेट पर जमे थे।

▪️सीयूजी बंदकर फरार आरोपी एसडीएम खुद पहुंच गए इलाज करने

तहसील कर्मचारी सुनील शर्मा की पिटाई के आरोपी लालगंज उपजिलाधिकारी ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह शनिवार दोपहर से सीयूजी मोबाइल बंद कर तहसील से फरार थे। उनकी तलाश हर कोई कर रहा था, मगर वह किसी के संपर्क में नहीं आ रहे थे। काफी प्रयास के बाद भी उनसे किसी की बात नहीं हो पा रही थी। देर शाम वह मेडिकल कॉलेज परिसर में आ गए। स्वास्थ्य कर्मचारियों के अनुसार, पीछे के रास्ते एसडीएम लालगंज ज्ञानेंद्र सीधे वार्ड में पहुंचे।

स्वास्थ्य कर्मचारियों से जानकारी लेने के बाद वह करीब एक घंटे तक वार्ड में मौजूद रहे। सोशल मीडिया पर एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वह घायल कर्मचारी सुनील का बेड पर इलाज करते हुए दिखाई दे रहे हैं। गंभीर हालत में पड़े सुनील का बेड पर वह सीना दबाते हुए दिख रहे हैं। हैरत की बात यह है कि आरोपी एसडीएम अस्पताल किस वजह से पहुंचे। जबकि उनके ऊपर कर्मचारी की पिटाई का आरोप था।

दूसरी तरफ सवाल यह भी है कि वह खुद सुनील का इलाज कैसे करने लगे। उन्हें सुनील का सीना दबाने की अनुमति कैसे दे दी गई। इस बाबत कोई भी जिम्मेदार अधिकारी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है।

▪️ प्रतापगढ़ में ही मिली थी पहली तैनाती

प्रयागराज के रहने वाले एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम की पहली तैनाती प्रतापगढ़ में ही हुई थी। वह जिले में बतौर प्रशिक्षु आए थे। प्रशिक्षण का समय पूरा होने के बाद उन्हें पहली तैनाती रानीगंज तहसील में दी गई थी। हालांकि वहां कुछ ही दिनों तक वह अपनी पारी खेल सके। वहां से हटाकर उन्हें लालगंज एसडीएम बनाया गया था।

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