राजस्थान

राजस्थान में नए सीएम के चयन से पहले राजनीतिक संकट, सचिन पायलट की दो टूक, दिल्ली नहीं जाऊंगा हाईकमान को फैसला लेने दो

Arun Mishra
26 Sep 2022 6:17 AM GMT
राजस्थान में नए सीएम के चयन से पहले राजनीतिक संकट, सचिन पायलट की दो टूक, दिल्ली नहीं जाऊंगा हाईकमान को फैसला लेने दो
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सचिन पायलट को लेकर कोई ऐलान होता, उससे पहले ही राजस्थान में बगावत हो गई...!!

Rajsthan politics : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. इसके बाद से चर्चा थी कि गहलोत के अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ेगा और उनकी जगह सचिन पायलट लेंगे. सोनिया गांधी ने इसके लिए सचिन पायलट और अशोक गहलोत से बात भी की थी. हालांकि, सचिन पायलट को लेकर कोई ऐलान होता, उससे पहले ही राजस्थान में बगावत हो गई और अशोक गहलोत खेमे के करीब 90 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया.

बीजेपी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने के दिए संकेत

राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर जारी राजनीतिक ड्रामे के बीच, भाजपा ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का संकेत दिया. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट किया, इतनी अनिश्चितता तो आज भारत-आस्ट्रेलिया क्रिकेट मैच में भी नहीं है जितनी राजस्थान की कांग्रेस पार्टी में नेता को लेकर है. विधायकों की बैठकें अलग चल रही हैं, इस्तीफों का सियासी पाखंड अलग चल रहा है. ये क्या राज चलाएंगे, कहां ले जाएंगे ये राजस्थान को, अब तो भगवान बचाए राजस्थान को.

राजस्थान में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर ने कहा कि राजस्थान में मौजूदा स्थिति राष्ट्रपति शासन की ओर संकेत दे रही है. उन्होंने पूछा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आप ड्रामा क्यों कर रहे हैं? कैबिनेट के इस्तीफे के बाद देर क्यों? आपको भी इस्तीफा दे देना चाहिए.

किसके पास कितने विधायक?

गहलोत गुट का दावा है कि उनके खेमे में 92 विधायक हैं. वहीं सचिन पायलट को महज 16 ही विधायकों का समर्थन बताया जा रहा है. दरअसल, गहलोत गुट के कांग्रेस नेता प्रताप खाचरियावास ने दावा किया है कि उनके साथ 92 विधायक हैं, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है. इस लिहाज से आंकड़ों को देखें तो पायलट खेमे में सिर्फ 16 विधायक बचते हैं. हालांकि अभी तक पायलट गुट की तरफ से विधायकों की संख्या को लेकर कोई दावा नहीं किया गया है.

अजय माकन बोले- यह अनुशासनहीनता है

अजय माकन ने कहा, हमने कहा था कि हम सभी विधायकों से एक एक कर बात करेंगे लेकिन वो अड़े रहे कि हम ग्रुप्स में आएंगे. कांग्रेस की प्रथा रही है कि ऐसी स्थिति में सबसे अलग अलग बात की जाए. वहीं, विधायकों की मांग थी कि गहलोत के समर्थन में जो 102 विधायक हैं, उन्हीं में से सीएम बनाया जाए. सचिन पायलट को सीएम न बनाया जाए. हमने विधायकों से कहा कि वे उन सभी की चिंताओं को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सामने रखेंगे. लेकिन विधायक अपनी शर्तों पर अड़े रहे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में इस तरह से शर्तों पर बात नहीं होती. हमने साफ किया था विधायकों को कि हम उनकी बात सोनिया गांधी तक पहुंचाएंगे. इसके बाद वे गहलोत से बात करेंगी और फैसला लिया जाएगा.

इतना ही नहीं अजय माकन ने कहा कि पार्टी के विधायकों की बैठक बुलाई गई थी. इसके समानांतर में मंत्री धारीवाल के घर पर बैठक की गई. यह प्रथम दृष्टि में अनुशासनहीनता का ही काम है. आगे देखते हैं कि उन पर क्या कार्रवाई होती है.

गहलोत से मुलाकात करेंगे खड़गे और माकन

राजस्थान में बात बनती हुई नजर नहीं आ रही है. नाराज विधायकों ने जो शर्तें रखी थीं, पार्टी आलाकमान उन्हें मानने को तैयार नहीं है. इतना ही नहीं राजस्थान पहुंचे दोनों पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन आज गहलोत से मुलाकात करेंगे. इसके बाद वे दिल्ली लौटेंगे.

उधर, राहुल गांधी ने भी राजस्थान मामले की जानकारी ली है. उन्होंने केरल से केसी वेणुगोपाल को दिल्ली भेजा है. वेणुगोपाल दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं.

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