राजस्थान

जोधपुर सिलेंडर ब्लास्ट में अब तक 23 लोगों की मौत, सबसे ज्यादा बच्चे हैं शामिल

Satyapal Singh Kaushik
14 Dec 2022 11:00 AM IST
जोधपुर सिलेंडर ब्लास्ट में अब तक 23 लोगों की मौत, सबसे ज्यादा बच्चे हैं शामिल
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जोधपुर हादसे को 6 दिन बीत चुके हैं लेकिन मौतों का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है।

जोधपुर हादसे को 6 दिन बीत चुके हैं और एक-एक कर अब तक 23 लोग जान गंवा चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या बच्चों की है जो इस हादसे का शिकार हुए हैं। वार्ड और आईसीयू में तड़पते बच्चों को बचाने की कोशिश की जा रही है।

जानिए क्या है कारण

जोधपुर गैस सिलेंडर ब्लास्ट में सबसे ज्यादा बच्चे झुलसे हैं। 9 बच्चों की मौत के बाद अब भी 3 बच्चे महात्मा गांधी हॉस्पिटल में एडमिट हैं। जब इस हादसे में बच्चों की मौतों का कारण पता लगाया तो चौंकाने वाली बात निकलकर सामने आई।

जो बच्चे गैस सिलेंडर ब्लास्ट का शिकार हुए और इनकी मौत हो गई। जिन बच्चों की मौत हुई उनके पीछे सबसे बड़ा कारण था उनकी हाइट। इनकी हाइट या तो कम थी या फिर सिलेंडर के बराबर।

जानिए मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने क्या कहा

मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. दिलीप कच्छवाह ने बताया कि हाइट की वजह से आग की लपटें जब निकलीं तो इन बच्चों का मुंह और गर्दन का हिस्सा जल गया। आग की लपटें सीधे इनके मुंह और सीने तक पहुंची। ऐसे में ये बच्चे 50 प्रतिशत से अधिक झुलस गए। ऐसे में सांस लेने की नली के आस-पास सूजन आने लगी और धीरे-धीरे सांस लेने में तकलीफ होने लगी। बचाने की भी लाख कोशिश की गई, लेकिन डॉक्टर्स भी इन्हें नहीं बचा पाए।

इस हादसे का शिकार होने के बाद जब इन्हें महात्मा गांधी अस्पताल लाया गया तो बर्न वार्ड में एडमिट करवाया गया था। लेकिन, धीरे-धीरे तबीयत बिगड़ने लगी। डॉ. कच्छवाह ने बताया कि मुंह और सीने तक झुलसने के कारण सांस की नली के आस-पास एडिमा हो गया। इस वजह से इन्फेक्शन फैलता गया।इस हादसे में बच्चों में इन्फेक्शन इतना बुरी तरह से फैल गया कि वे दर्द से तड़पते रहे। बच्चों के सांस के लिए नली भी लगाई गई लेकिन फायदा नहीं हुआ। एडिमा का इन्फेक्शन इन बच्चों के फेफड़ों तक पहुंच गया था, जिसकी वजह से मौत बढ़ती गई।

वर पक्ष से भी हुई मौत

इस हादसे में दूल्हे के बड़े भाई सांग सिंह के दोनों बच्चों की मौत हो गई। 5 साल के रतनसिंह का हादसे के दिन अस्पताल ले जाते रास्ते में ही दम टूट चुका था। जबकि उसके दूसरे पुत्र आईदान का मंगलवार को निधन हुआ। अब घर में कोई बच्चा नहीं बचा है। इधर, दूल्हे के माता-पिता की मौत हो चुकी है। खुद दूल्हा सुरेंद्र सिंह और उसकी भाभी हॉस्पिटल में है। वहीं बड़ा भाई इस हादसे का शिकार होने से बच गया।

Satyapal Singh Kaushik

Satyapal Singh Kaushik

न्यूज लेखन, कंटेंट लेखन, स्क्रिप्ट और आर्टिकल लेखन में लंबा अनुभव है। दैनिक जागरण, अवधनामा, तरुणमित्र जैसे देश के कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में लेख प्रकाशित होते रहते हैं। वर्तमान में Special Coverage News में बतौर कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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