धर्म-कर्म

श्रावण मास में कई वर्षों के बाद इस वर्ष दुर्लभ संयोग बना है

Shiv Kumar Mishra
10 July 2023 2:33 AM GMT
श्रावण मास में कई वर्षों के बाद इस वर्ष दुर्लभ संयोग बना है
x
After many years in the month of Shravan, a rare coincidence has happened this year.

इस बार श्रावण मास में 8 सोमवार और 9 मंगला गौरी व्रत मिल रहे हैं। जबकि 4 जुलाई मंगलवार से श्रावण मास का आरंभ व 31 अगस्त गुरुवार को समापन हो रहा है। जिसमें 18 जुलाई मंगलवार से 16 अगस्त बुधवार तक मलमास या पुरुषोत्तम मास होगा।

श्रावण मास 2023 में तिथि और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण महीने की शुरूआत हर वर्ष श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। इस वर्ष श्रावण प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 03 जुलाई की शाम को 05 बजकर 02 मिनट से होगी और समापन 04 जुलाई को दोपहर 02 बजकर 55 मिनट पर होगा। उदया तिथि के आधार पर श्रावण महीने की शुरुआत 4 जुलाई से होगी। 4 जुलाई को सुबह 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 59 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा ऐसे में इस समय शिवजी की पूजा करना फलदायी रहेगा। इसके अलावा श्रावन महीने की शुरूआत बहुत ही शुभ योग एन्द्र योग में होने जा रही है। इस योग में पूजा-पाठ करने पर बहुत ही शुभफलदायी होता है।

इस साल अधिकमास के कारण सावन का महीना 59 दिनों तक चलेगा। 31 अगस्त 2023 को सुबह 07 बजकर 35 मिनट पर श्रावण मास पूर्ण होगा। श्रावण महीने की शुरुआत के साथ ही कई व्रत-त्योहार भी आरंभ हो जाते हैं। 4 जुलाई से श्रावण का महीना शुरू होकर 31 अगस्त तक रहेगा। इस दौरान कई त्योहार मनाए जाएंगे। 6 जुलाई को संकष्टी चतुर्थी, 13 जुलाई को कामिका एकादशी, 15 जुलाई को मासिक शिवरात्रि, 17 जुलाई को श्रावण माह की अमावस्या, 19 अगस्त को हरियाली तीज, 21 अगस्त नाग पंचमी, 30 अगस्त को रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाएगा।

दरअसल, वैदिक पंचांग की गणना सौरमास और चंद्रमास के आधार पर होती है। एक चंद्रमास 354 दिनों का होता है वहीं एक सौरमास 365 दिनों का होता है। इस तरह से इन दोनों में 11 दिन का अंतर आ जाता है। लिहाजा 3 साल में यह अंतर 33 दिन का हो जाता है. इस तरह हर तीसरे वर्ष में 33 दिनों का अतिरिक्त एक माह बन जाता है। इन 33 दिनों के समायोजन को ही अधिकमास कहा जाता है। साल 2023 में अधिकमास के दिनों का समायोजन श्रावण के माह में हो रहा है। इस कारण से श्रावण एक की बजाय दो महीने का होगा और सावन में आठ सोमवार पड़ेंगे?

लेकिन इस साल अधिक मास होने की वजह से श्रावण दो महीने चलेगा और इसमें 8 सोमवार पड़ेंगे। लेकिन इस साल पड़ने वाला हर सोमवार बहुत खास है। हर सोमवार को विशेष योग बन रहा है, इस कारण श्रावण के सोमवार महत्‍व कहीं ज्‍यादा बढ़ गया है। जानिए कब-कब रखा जाएगा सोमवार का व्रत?

श्रावण का पहला सोमवार- 10 जुलाई 2023

श्रावण का पहला सोमवार 10 जुलाई को पड़ेगा। पहले सोमवार को गुरु और चंद्रमा मीन राशि में रहेंगे। इससे गजकेसरी योग बन रहा है। ये योग बेहद शुभ माना जाता है। इस योग में विशेष उपाय करने से धन संकटों को भी दूर किया जा सकता है।

श्रावण का दूसरा सोमवार - 17 जुलाई 2023

श्रावण के दूसरे सोमवार को हरियाली अमावस्‍या मनाई जाएगी, सोमवार के लिए अमावस्‍या तिथि को दान-पुण्‍य के लिहाज से बेहद शुभ माना जाता है। इसे सोमवती अमावस्‍या कहा जाता है। सोमवती अमावस्या में शिव पूजा से पितर, शनि और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलेगी।

श्रावण का तीसरा सोमवार - 24 जुलाई 2023

श्रावण के तीसरे सोमवार का व्रत 24 जुलाई को रखा जाएगा। इस सोमवार पर रवि और शिव योग का संयोग है। बनेगा. रवि योग सुबह 05.28 से रात 10.22 तक रहेगा, वहीं शिव योग 23 जुलाई को दोपहर 02.34 से शुरू होगा और 24 जुलाई 2023 को दोपहर 03.09 तक रहेगा। शिव योग में की गई शंकर जी की उपासना हर कार्य में सफलता मिलती है।

श्रावण का चौथा सोमवार - 31 जुलाई 2023

श्रावण का चौथा सोमवार 31 जुलाई को पड़ रहा है। इस दिन भी रवि योग रहेगा। रवि योग सुबह 05.57 से शुरू होकर शाम 07.12 तक रहेगा। रवि योग में शुभ कार्य, पूजा आदि करने से मान-सम्मान में बढ़ोत्तरी होती है। इसे धन में वृद्धि कराने वाला योग भी माना जाता है।

श्रावण का पांचवा सोमवार - 7 अगस्‍त 2023

श्रावण का पांचवां सोमवार 7 अगस्‍त को पड़ रहा है। इस सोमवार में शूल और रवि योग का निर्माण होगा। शूल योग 6 अगस्त की रात 08.40 से 7 अगस्त 2023 शाम 06.05 तक रहेगा। इस दिन शिव जी की उपासना, उनके व्रत और पूजन से अखंड सौभाग्य में वृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

श्रावण का छठवां सोमवार - 14 अगस्‍त 2023

14 अगस्‍त को श्रावण का छठां सोमवार पड़ रहा है। इस दिन मासिक शिवरात्रि भी है, इस कारण सावन के इस सोमवार का विशेष महत्‍व है। इसके अलावा इस दिन सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग 14 अगस्त को सुबह 11.12 से 15 अगस्त 2023 को सुबह 05.42 बजे तक रहेगा. वहीं सिद्धि योग 13 अगस्त की दोपहर 03.46 से शुरू होगा और 14 अगस्त 2023 को दोपहर 04.51 बजे तक रहेगा।

श्रावण का सातवां सोमवार - 21 अगस्‍त 2023

अगस्‍त को पड़ेगा। इस सोमवार के दिन नाग पंचमी की भी पूजा की जाएगी। इस लिहाज से ये सोमवार बेहद शुरू है. वहीं 21 अगस्‍त को बुधादित्य योग का संयोग बन रहा है।

श्रावण का आठवां सोमवार - 28 अगस्‍त 2023

श्रावण के महीने का आखिरी सोमवार 28 अगस्‍त को पड़ रहा है। इस दिन सोम प्रदोष व्रत रखा जाएगा। प्रदोष का व्रत शिव जी को ही समर्पित होता है। इस लिहाज से ये दिन बेहद शुभ है। इसके अलावा 28 अगस्‍त को आयुष्मान योग बन रहा है। आयुष्‍मान योग 27 अगस्‍त को दोपहर 01.15 - 28 अगस्त 2023 पर शुरू होगा और अगले दिन सुबह 10.08 बजे समाप्‍त होगा।

श्रावण मास की विशेषता

श्रावण के सोमवार पर रखे गये व्रतो की महिमा अपरम्पार है।जब सती ने अपने पिता दक्ष के निवास पर शरीर त्याग दिया था उससे पूर्व महादेव को हर जन्म में पति के रूप में पाने का प्रण किया था। पार्वती ने सावन के महीने में ही निराहार रहकर कठोर तप किया था और भगवान शंकर को पा लिया था। इसलिए यह मास विशेष हो गया और सारा वातावरण शिवमय हो गया।

इस अवधि में विवाह योग्य लडकियाँ इच्छित वर पाने के लिए सावन के सोमवारों पर व्रत रखती है इसमें भगवान शंकर के अलावा शिव परिवार अर्थात माता पार्वती , कार्तिकेय , नन्दी और गणेश जी की भी पूजा की जाती है। सोमवार को उपवास रखना श्रेष्ट माना जाता है परन्तु जो नही रख सकते है वे सूर्यास्त के बाद एक समय भोजन ग्रहण कर सकते है।

श्रावण में पार्थिव शिवपूजा का विशेष महत्व है

अत: प्रतिदिन अथवा प्रति सोमवार तथा प्रदोष को शिवपूजा या पार्थिव शिवपूजा अवश्य करनी चाहिये।

सोमवार के व्रत के दिन प्रातःकाल ही स्नान ध्यान के उपरांत मंदिर देवालय या घर पर श्री गणेश जी की पूजा के साथ शिव-पार्वती और नंदी की पूजा की जाती है। इस दिन प्रसाद के रूप में जल , दूध , दही , शहद , घी , चीनी , जने‌ऊ , चंदन , रोली , बेल पत्र , भांग , धतूरा , धूप , दीप और दक्षिणा इत्यादि, रात्रिकाल में घी और कपूर सहित गुगल, धूप की आरती करके शिव महिमा का गुणगान किया जाता है। लगभग श्रावण मास के सभी सोमवारों को यही प्रक्रिया अपना‌ई जाती है। इस मास में लघुरुद्र, महारुद्र अथवा अतिरुद्र पाठ करानेका भी विधान है।

अच्छा फलदाई है सोमवार व्रत

शास्त्रों और पुराणों में श्रावण सोमवार व्रत को अच्छा फलदाई कहा गया है। विवाहित महिलाओं को श्रावण सोमवार का व्रत करने से परिवार में खुशियां, समृद्घि और सम्मान प्राप्त होता है, जबकि पुरूषों को इस व्रत से कार्य-व्यवसाय में उन्नति, शैक्षणिक गतिविधियों में सफलता और आर्थिक रूप से मजबूती मिलती है। अविवाहित लड़कियां यदि श्रावण के प्रत्येक सोमवार को शिव परिवार का विधि-विधान से पूजन करती हैं तो उन्हें अच्छा घर और वर मिलता है।

आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) किसी भी प्रकार की समस्या समाधान के लिए सम्पर्क कर सकते हो, सम्पर्क सूत्र:- 9131366453

Shiv Kumar Mishra

Shiv Kumar Mishra

Next Story