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हर शनिवार करें इस मंत्र का जाप, होंगे शनिदेव प्रसन्न

Arun Mishra
11 Sep 2021 3:17 AM GMT
हर शनिवार करें इस मंत्र का जाप, होंगे शनिदेव प्रसन्न
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शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है.

शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करने का विधान है. शनिदेव की पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. साथ ही जिन लोगों पर साढ़ेसाती चल रही होती है वह भी सही हो जाता है. कहा जाता है कि शनिदोष से मुक्ति के लिए मूल नक्षत्रयुक्त शनिवार से आरंभ करके सात शनिवार तक शनिदेव की पूजा करने के साथ-साथ व्रत रखने चाहिए. पूर्ण नियमानुसार पूजा और व्रत करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है और सारे दुख खत्म हो जाते हैं. शनिदेव के क्रोध से बचना बेहद जरूरी है नहीं तो मनुष्य पर कई तरह के दोष लग जाते हैं.

शनि की पूजा करते समय या शनि मंत्रों का जाप करते समय व्‍यक्ति का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए. इसकी वजह यह है कि शनिदेव को पश्चिम दिशा का स्वामी माना गया है. शनिदेव की पूजा में इस बात का भी ध्‍यान रखें कि पूजा करने वाला व्यक्ति अस्वच्छ अवस्था में न हो, यानी पूजा करते समय साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए. आइए जानते हैं शनिदेव के कुछ ख़ास मंत्र जिन्हें पढ़ने से आपको शनि देव की कृपा प्राप्त होगी.

शनि देव को प्रसन्न करने के लिए मंत्र:

1. ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:

2. ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।

3. ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।

4. कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।

सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।

शनिदेव की पूजा में काले या नीले रंग की वस्‍तुओं का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है. साथ ही शनिदेव को नीले फूल चढ़ाने चाहिए मगर यह खास तौर पर याद रखें कि शनि की पूजा में लाल रंग का कुछ भी न चढ़ाएं. चाहे लाल कपड़ा हो, लाल फल या फिर लाल फूल ही क्‍यों न हों. इसकी वजह यह है कि लाल रंग और इससे संबंधित चीजें मंगल ग्रह से संबंधित हैं. मंगल ग्रह को भी शनि का शत्रु माना जाता है.

Arun Mishra

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Sub-Editor of Special Coverage News

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