धर्म-कर्म

शिव नाम और रुद्राक्ष की महिमा, जानिए कैसे होंगे भोले बाबा प्रसन्न

Shiv Kumar Mishra
20 Jun 2022 6:42 PM IST
शिव नाम और रुद्राक्ष की महिमा, जानिए कैसे होंगे भोले बाबा प्रसन्न
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भगवान शिव की उपासना करने वाले मनुष्य धन्य है उनका मनुष्य होना सफल है साथ ही शिव भक्ति से उनके कुल। का उद्धार हो जाता है जो मनुष्य अपने मुख से सदा शिव और शिव के नामो का उच्चारण करते है पाप उनका स्पर्श भी नही कर पाता है ।

भस्म, रुद्राक्ष और शिव नाम त्रिवेणी के समान महापुण्य में है इन तीनो के दर्शन मात्र त्रिवेणी के स्नान का फल प्राप्त है ,इनका निवास जिसके शरीर मे होता है उसके दर्शन मात्र से सभी पापो का विनाश हो जाता है भगवान शिव नाम गंगा है विभूति (भस्म) यमुना मानी गयी है तथा रुद्राक्ष को सरस्वती कहा गया है ।इनकी संयुक्त त्रिवेणी समस्त पापो का नाश करने वाली है इसकी महिमा केवल भगवान महेश्वर जानते है।यह शिव नाम का महात्म्य समस्त पापो को हर लेने वाला है ।

शिव नाम अग्नि है और महापाप पर्वत है शिवनाम रूपी अग्नि से महापाप रूपी पर्वत जल जाते है शिव नाम जपने मात्र से पाप मूल नष्ट हो जाते है जो व्यक्ति इस पृत्वी लोक में शिव नाम के जाप में लगा रहता है वह विद्वान पुण्यात्मा और वेदों का ज्ञाता है उसके द्वारा किये गए धर्म कर्म पूण्य फल देने वाले होते है।

जो भी मनुष्य शिवनाम रूपी नौका से पार कर भवसागर को तर जाते है उनके भवरूपी पाप निसन्देह ही नष्ट हो जाते है

जो पापरूपी दावनल से पीड़ित है उन्हें शिव नाम रूपी अमृत का पान करना चाहिए ।जिसने अनेक जन्मों तक तपस्या की है उसे ही पापो का नाश करने वाले शिव भक्ति प्राप्त होती हैं जिस मनुष्य के मन मे कभी न खण्डित होने वाली शिव भक्ति प्रकट हुई है उसे ही मोक्ष मिलता है ।जो अनेक पाप करके भी भगवान के शिव नाम जप में आदरपूर्वक लग गया है वह समस्त पापो से मुक्त हो जाता है जिसमे जरा भी संसय नही है जिस प्रकार जंगल में दवानल से दग्ध हुए बृछ भस्म हो जाते है उसी प्रकार शिवनाम पूरी शिव नाम रूपी दवानल से दग्ध होकर उसके सारे पात भस्म हो जाते है उसके भस्म लगाने से अंग पवित्र हो गए और जो आदर से नाम जपता है वह इस अथाह भवसागर से पार हो जाता है ।

सम्पूर्ण वेदों का अवलोकन करके महाऋषियों ने शिव नाम को संसार सागर को पार करने का उपाय बताया है भगवान शंकर के एक नाम मे भी पाप को समाप्त करने की इतनी शक्ति है कि उतने पातक कभी कोई मनुष्य कर ही नहीं सकता पूर्वकाल में इन्द्रधमन नाम का महापापी राजा हुआ था और एक ब्राम्हण युवती जो बहुत पाप कर चुकी थी शिव नाम के प्रभाव से वे दोनों उत्तम गति को प्राप्त हुए ।इस प्रकार शिव महिमा का वर्णन किया गया है ।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें पं अजय शुक्ल 9415009278

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