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गुरु पूर्णिमा पर बन रहे विशेष योग, खास ज्योतिषीय उपाय से आप की होगी हर समस्या हल
आज व्रत की पूर्णिमा है और कल स्नान और दान की। इस पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा और व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन गुरु की पूजा करने की परंपरा है। जिनके गुरु नहीं हैं वो गुरु बना भी सकते हैं। इस दिन ग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए और स्नान और दान भी बहुत ही फल देता है। गुरु को भगवान से भी बड़ा स्थान दिया गया है, कहते हैं कि गुरु ही हमें जीवन की सही राह बताते हैं.
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास की पूर्णिमा 23 जुलाई को सुबह 10 बजकर 43 मिनट से शुरू होगी, जो कि 24 जुलाई की सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि में पूर्णिमा मनाए जाने के कारण यह 24 जुलाई, शनिवार को मनाई जाएगी.
इस साल गुरु पूर्णिमा पर विष्कुंभ योग बन रहा है. सुबह 06 बजकर 12 मिनट तक प्रीति योग बन रहा है जो 25 जुलाई की सुबह 03 बजकर 16 मिनट तक रहेगा. इसके बाद आयुष्मान योग लग जाएगा. यह दोनों ही योग एक साथ बनना शुभ माना जाता है. प्रीति और आयुष्मान योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होती है. विष्कुंभ योग को वैदिक ज्योतिष में शुभ योगों में नहीं गिना जाता है.
गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर हम आपको कुछ ज्योतिषीय उपाय बता रहे हैं जिससे आपको दैनिक जीवन में विशेष लाभ होगा.
1- जिन लोगों का भाग्योदय नहीं हो रहा है और आर्थिक स्थिति नहीं सुधरी है तो ऐसे जातकों को गुरु पूर्णिमा के दिन जरूरतमंद लोगों को पीला अनाज दान करना चाहिए अथवा पीली मिठाई प्रसाद के रूप में बांटनी चाहिए। ऐसा करने से आपका भाग्य चमक सकता है।
2- जिन विद्यार्थियों को पढ़ाई में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है या पढ़ाई में मन नहीं लगता है ऐसे जातकों को गुरु पूर्णिमा के दिन गीता का पाठ करना चाहिए और गाय की सेवा करनी चाहिए। इस उपाय से अध्ययन में आ रही बाधाएं दूर हो जाएंगी।
3- जिन जातकों के वैवाहिक जीवन में दिक्कतें आ रही हैं अथवा शादी-विवाह नहीं हो रहा है ऐसे जातकों को गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु यंत्र को स्थापित कर उसकी विधिवत पूजा करनी चाहिए। यह उपाय आपको कई क्षेत्रों में सफलता दिलाएगी और वैवाहिक जीवन से जुड़ी सारी परेशानियों का अंत करेगा।
पं0 गौरव दीक्षित शास्त्री ज्योतिषाचार्य, सोरों जी