धर्म-कर्म

शनिवार को शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए जरूर पढ़ें शनि स्तोत्र

Arun Mishra
25 Sep 2021 2:13 AM GMT
शनिवार को शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए जरूर पढ़ें शनि स्तोत्र
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शनिदेव की पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है.

शनि देवता को न्याय का देवता कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि वह सभी के कर्मों का फल देते हैं. कोई भी बुरा काम उनसे छिपा नहीं, शनिदेव हर एक बुरे काम का फल मनुष्य को जरूर देते हैं इसलिए उनकी पूजा का बहुत महत्व है. शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करने का विधान है. शनिदेव की पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. साथ ही जिन लोगों पर साढ़ेसाती चल रही होती है वह भी खत्म हो जाती है.

कहा जाता है कि शनिदोष से मुक्ति के लिए मूल नक्षत्रयुक्त शनिवार से आरंभ करके सात शनिवार तक शनिदेव की पूजा करने के साथ-साथ व्रत रखने चाहिए. पूर्ण नियमानुसार पूजा और व्रत करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है और सारे दुख खत्म हो जाते हैं. शनिदेव के क्रोध से बचना बेहद जरूरी होता है नहीं तो मनुष्य पर कई तरह के दोष लग जाते हैं. इसके अलावा उनकी पूजा करते समय भी कई तरह की बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. आइए जानते हैं शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए दशरथकृत शनि स्तोत्र...

नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च।

नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ।।

नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।

नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।।

नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ

वै नम:।

नमो दीर्घायशुष्काय कालदष्ट्र नमोऽस्तुते।।

नमस्ते कोटराक्षाय दुर्निरीक्ष्याय वै नम:।

नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।।

नमस्ते सर्वभक्षाय वलीमुखायनमोऽस्तुते।

सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करे भयदाय च।।

अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तुते।

नमो मन्दगते तुभ्यं निरिस्त्रणाय नमोऽस्तुते।।

तपसा दग्धदेहाय नित्यं

योगरताय च।

नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:।।

ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज सूनवे।

तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्।।

देवासुरमनुष्याश्च

सिद्घविद्याधरोरगा:।

त्वया विलोकिता: सर्वे नाशंयान्ति समूलत:।।

प्रसाद कुरु

मे

देव

वाराहोऽहमुपागत।

एवं स्तुतस्तद

सौरिग्र्रहराजो महाबल:।।

Arun Mishra

Arun Mishra

Sub-Editor of Special Coverage News

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