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Vasant Panchami:कब मनाई जाएगी वसंत पंचमी? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Shiv Kumar Mishra
25 Jan 2023 7:25 PM IST
Vasant Panchami:कब मनाई जाएगी वसंत पंचमी? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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“निर्माण देकर नाश ले जाता है ज्ञान, अन्धकार लेकर प्रकाश दे जाता है ज्ञान।”

हिन्दू पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हर वर्ष वसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। इस साल, वसंत पंचमी, 26 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी। वसंत पंचमी को श्री पंचमी तथा ज्ञान पंचमी भी कहते हैं। मान्यता है कि सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी के मुख से वसंत पंचमी के दिन ही विद्या की देवी 'मां सरस्वती' प्रकट हुई थीं। इसी वजह से इस दिन, मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है।

वसंत पंचमी की तिथि और शुभ मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल पंचमी तिथि 25 जनवरी 2023 की दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से आरम्भ होगी और 26 जनवरी 2023 को सुबह 10 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, वसंत पंचमी, 26 जनवरी को मनाई जाएगी। वहीं, पूजा के लिए 26 जनवरी, सुबह 07 बजकर 12 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक का समय शुभ रहेगा। पूजा के लिए कुल अवधि 05 घंटे की होगी।

वसंत पंचमी का महत्व

वसंत पंचमी को श्री पंचमी, ज्ञान पंचमी और मधुमास के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन से वसंत ऋतु का आगमन हो जाता है। इस दिन, संगीत और ज्ञान की देवी 'मां सरस्वती' की पूजा की जाती है। इस दिन किसी मांगलिक कार्य की शुरुआत करना भी बहुत शुभ माना जाता है।

इन मंत्रों के साथ करें देवी मां की पूजा

- ज्ञान प्राप्ति के लिए इस मंत्र का जप करें:-

ओम् ऐं वाग्देव्यै विझहे धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात् ||

- नौकरी और प्रमोशन के लिए इस मंत्र का जाप करें:-

ओम् वद वद वाग्वादिनी स्वाहा

- परीक्षा में सफलता के लिए मां सरस्वती के चित्र के सामने इस मंत्र का जाप करें:-

ओम् एकदंत महा बुद्धि, सर्व सौभाग्य दायक: |

सर्व सिद्धि करो देव गौरी पुत्रों विनायक: ||

पूजा में मां सरस्वती के इस श्लोक का मन से ध्यान करें:-

या कुंदेंदुतुषारहारधवला, या शुभ्रवस्त्रावृता।

या वीणा वर दण्डमण्डित करा, या श्वेत पद्मासना।

या ब्रहमाऽच्युत शंकर: प्रभृतिर्भि: देवै: सदा वन्दिता।

सा मां पातु सरस्वती भगवती, नि:शेषजाड्यापहा।।

इसके पश्चात 'ओम् ऐं सरस्वत्यै नम:' का जाप करें और इसी लघु मंत्र का नियमित रूप से विद्यार्थी वर्ग, प्रतिदिन मां सरस्वती का ध्यान करें। कहते हैं कि इस मंत्र के जाप से विद्या, बुद्धि और विवेक का विस्तार होता है।

यों तो माघ का यह पूरा मास ही उत्साह देने वाला है, पर वसंत पंचमी का पर्व, भारतीय जनजीवन को अनेक तरह से प्रभावित करता है। जो महत्व सैनिकों के लिए अपने शस्त्रों और विजयादशमी का है, जो महत्व विद्वानों के लिए अपनी पुस्तकों और व्यास पूर्णिमा का है, वही महत्व कलाकारों के लिए वसंत पंचमी का है। चाहे वे कवि हों या लेखक, गायक हों या वादक, नाटककार हों या नृत्यकार, सब, दिन का प्रारम्भ अपने उपकरणों की पूजा और मां सरस्वती की वंदना से करते हैं।

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