धर्म-कर्म

गुरुवार के दिन ऐसे करें भगवान विष्णु की पूजा

Shiv Kumar Mishra
23 Sept 2021 4:39 PM IST
गुरुवार के दिन ऐसे करें भगवान विष्णु की पूजा
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हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए बेहद खास माना जाता है. कहते हैं कि सच्चे मन से श्री हरि की पूजा करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं भगवान विष्णु जरूर पूरी करते हैं. हिन्दू धर्म शास्त्र के अनुसार गुरुवार को भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने से जीवन के सभी संकटों से छुटकारा मिलता है. भगवान विष्णु जगत के पालनहार कहलाते हैं. मान्यता है कि गुरुवार के दिन अगर भक्त विष्णु जी की विधिवत पूजा करते हैं और गुरुवार के उपायों को आजमाते हैं तो उनके जीवन में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं रहती है.

करें ये उपाय

मान्यता है कि गुरुवार के दिन मंदिर में केसर और चने की दाल का दान करने से लाभ मिलता है. इसी के साथ गुरुवार को माथे पर तिलक लगाना भी लाभदायक होता है.

कहते हैं कि गुरुवार के दिन अगर धार्मिक पुस्तकों का दान किया जाए तो बृहस्पति देव का आर्शीवाद प्राप्त होता है और शिक्षा में आ रही सभी परेशानियां खत्म हो जाती हैं.

गुरु के दोष को दूर करने के लिए गुरुवार के दिन नहाने के पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर स्नान करें. इसके साथ ही नहाते वक्त ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप जरूर करें.

गुरुवार का व्रत रखें और केले के पौधे में जल अर्पित कर पूजा अर्चना करें. कहते हैं कि ऐसा करने से विवाह में आने वाली रुकावटों का समाधान होता है और अगर आप विवाहित हैं तो आपके वैवाहिक जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आती.

कुंडली में मौजूद गुरु दोष को दूर करने के लिए गुरुवार के दिन विशेष रूप से सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें.

गुरुवार के दिन न तो किसी को उधार दें और न हीं किसी से उधार लें. कहते हैं कि ऐसा करने से कुंडली में गुरु की स्थिति खराब होती है और आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ सकता है.

गुरुवार का व्रत रखने वाले इस दिन भगवान श्री सत्यनारायण की व्रत कथा जरूर सुनें या पढ़ें. कहते हैं कि ऐसा करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं.

गुरुवार के दिन पीले वस्त्र पहनना काफी शुभ माना जाता है. कहते हैं कि ऐसा करने से भाग्योदय होता है.

बृहस्पति देव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गुरुवार के दिन किसी बुजुर्ग ब्राह्मण को भोजन अवश्य कराएं और उनसे आशीर्वाद लें.

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