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सूर्यदेव की पूजा से होगी सभी चिंताएं दूर, जानिए- क्या है पूजा विधि

Arun Mishra
26 Sep 2021 2:49 AM GMT
सूर्यदेव की पूजा से होगी सभी चिंताएं दूर, जानिए- क्या है पूजा विधि
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सूर्यदेव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करके जीवन में सफलता, मानसिक शांति पायी जा सकती है।

हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार सूर्य देव को जगत की आत्मा माना जाता है। सूर्य देव ही पृथ्वी पर अंधकार का नाश करते हैं। सूर्य के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव ही नही है। चंद्रमा और सूर्य दोनों ही ऐसे देवता हैं जिन्हें प्रत्यक्ष रुप से देखा जा सकता है। सूर्य पद-प्रतिष्ठा, नौकरी, कीर्ति, धन आदि का कारक होता है।

सूर्यदेव को आरोग्य का देवता माना जाता है। सूर्यदेव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करके जीवन में सफलता, मानसिक शांति पायी जा सकती है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति के अन्दर शक्ति का संचार होता है।

सूर्य देव की पूजा विधि

भगवान सूर्य की पूजा में अर्घ्यदान का विशेष महत्त्व बताया गया है। रविवार के दिन प्रात:काल तांबे के लोटे में जल लेकर और उसमें लाल फूल, चावल डालकर प्रसन्न मन से सूर्य मंत्र का जाप करते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इस अर्घ्यदान से भगवान सूर्य प्रसन्न होकर आयु, आरोग्य, धन, धान्य, पुत्र, मित्र, तेज, यश, विद्या, वैभव और सौभाग्य को प्रदान करते हैं।

रविवार का व्रत समस्त पापों का नाश करने वाला माना गया है। इस दिन सूर्यदेव का पूजन-अर्चन करने का महत्त्व है। इस व्रत को करने से मनुष्‍य के जीवन के सभी कष्ट नष्ट हो जाते हैं और मनुष्य जीवन सभी सुखों का भोग करने का अधिकारी बन जाता है। आइए जानें कैसे करें व्रत...

पौराणिक ग्रंथों में रविवार के व्रत को समस्त पापों का नाश करने वाला माना गया है।

अच्छे स्वास्थ्य व घर में समृद्धि की कामना के लिए भी रविवार का व्रत किया जाता है।

इस व्रत के दिन सूर्यदेव की पूजा की जाती है।

पूजा के बाद भगवान सूर्यदेव को याद करते हुए ही तेलरहित भोजन करना चाहिए।

1 वर्ष तक नियमित रूप से उपवास रखने के पश्चात व्रत का उद्यापन करना चाहिए।

मान्यता है कि इस उपवास को करने से उपासक जीवनपर्यंत तमाम सुखों को भोगता है व मृत्यु पश्चात सूर्यलोक में गमन कर मोक्ष को पाता है।

Arun Mishra

Arun Mishra

Sub-Editor of Special Coverage News

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