विज्ञान

Indian Army के डॉग स्क्वाड बुलेट प्रूफ जैकेट से हुए लैस, जैकेट में लगें है ये सिस्टम

Sujeet Kumar Gupta
25 Dec 2019 11:15 AM GMT
Indian Army के डॉग स्क्वाड बुलेट प्रूफ जैकेट से हुए लैस, जैकेट में लगें है ये सिस्टम
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जर्मन शेफर्ड नस्ल खतरनाक होने के साथ-साथ काफी चतुर भी होती है। इसलिए भारतीय सेना मुख्यतौर पर...

नई दिल्ली। भारतीय सेना की डॉग यूनिट को अपडेट किया गया है. इस यूनिट का नेतृत्व करने वाले लेफ्टिनेंट कोलोनल वी कमल राज ने कुत्तों के लिए एक ऑडियो-वीडियो सर्विलांस सिस्टम तैयार किया है. ऑपरेशन्स को अंजाम देने के उद्देश्य से कुत्तों के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट भी तैयार की गई हैं।

लेफ्टिनेंट कोलोनल वी कमल राज ने बताया, 'हम सेना के कुत्तों को अनेक उद्देश्यों के लिए ट्रेनिंग देते हैं. इसलिए हमारी ये जिम्मेदारी है कि हम उन्हें सुरक्षा दें.' आर्मी डॉग्स को ऐसी बुलेट प्रूफ जैकेट पहनाई गई है, जिसपर कैमरा लगा है, जिससे दुश्मन की लोकेशन,उसका स्थिति और आवाज को सुना जा सकेगा।



सेना का डॉग स्क्वाड अपनी चतुराई के लिए प्रसिद्ध हैं और वह अपनी सूंघने की क्षमता से माइनों और जमीन में छुपाए गए विस्फोटकों का पता लगाते हैं। इसके साथ ही ये संदिग्ध व्यक्ति की सूंघकर शिनाख्त कर लेते हैं। जो काम टेक्नोलॉजी नहीं कर पाती वो काम ये डॉग स्क्वाड कर देते है। आपदा के समय में भी मलबे में इंसानों की तलाश में ये महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

जर्मन शेफर्ड नस्ल खतरनाक होने के साथ-साथ काफी चतुर भी होती है। इसलिए भारतीय सेना मुख्यतौर पर इनका प्रयोग संदेश को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए करती है। युद्ध के समय जब वायरलेस का उपयोग करना कठिन होता है, तब ये कुत्ते काफी उपयोगी साबित होते हैं। इन्हें सीक्रेट एजेंट की तरह काम करने का प्रशिक्षण दिया जाता है।



महत्वपूर्ण मिशनों पर ये डॉग यूनिट सेना की बहुत मदद करती है. 26/11 मुंबई हमले में कई लोगों की जान बचाने वाले डॉगी सीजर को लोग आज भी याद करते हैं. हालांकि अब सीजर इस दुनिया में नहीं है. 11 साल के बहादुर डॉग सीजर ने मुंबई के विरार स्थित एक फार्म में हार्ट अटैक की वजह से अंतिम सांस ली थी।

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