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तमाम कामकाज के बीच...

Desk Editor
25 Jun 2021 5:14 PM IST
लापरवाही में उस कर्त्तव्य से कतराता रहा...

मैं तो भूल ही गया था

कि मरना भी है...

लापरवाही

में उस कर्त्तव्य से कतराता रहा

या निबाहा भी

तो जैसे तैसे...

अब कल से

रवैया बिल्कुल फर्क होगा

बहुत ही सँभल सँभल कर मरना शुरू करूँगा

बुद्धिमत्ता से खुशी खुशी

बिना समय बरबाद किए...

अनुवाद - कुँवर नारायण

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