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BCCI को जूनियर क्रिकेट के लिए योजना तैयार करने की जरूरत : द्रविड़

Special News Coverage
2 Dec 2015 8:13 AM GMT
Rahul Dravid


नई दिल्ली : पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने आज बीसीसीआई से भारत में जूनियर क्रिकेट के लिये खाका तैयार करने की अपील की और कहा कि खेल के विकास के लिये जूनियर स्तर पर उम्र में धोखाधड़ी और अवैध गेंदबाजी एक्शन से निजात पाना बेहद जरूरी है।

द्रविड़ ने कहा, जब मैंने सुना कि अंडर-19 गेंदबाज की संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के लिये रिपोर्ट की गयी है तो मैं इससे बहुत निराश हुआ। उसके उस उम्र तक पहुंचने तक कोच क्या कर रहे थे। क्या उसके गलत एक्शन की शुरूआत दस वर्ष की उम्र से हुई थी। क्या उसके आगे के प्रशिक्षकों ने इसे नजरअंदाज किया क्योंकि वह विकेट ले रहा था और मैच जीत रहा था।

उन्होंने कहा, ‘‘जब 19 साल की उम्र में एक कड़ी मेहनत करने वाले लड़के, जो जूनियर विश्व कप में खेल सकता है, की संदिग्ध एक्शन के लिये रिपोर्ट की जाती है तो वह अपने एक्शन में सुधार के लिये चला जाता है। शॉर्ट कर्ट से हासिल किये गये इन अल्प अवधि के लक्ष्यों के कारण बच्चा आहत होता है कि क्यों हम वयस्क उससे आंख फेर देते हैं।

द्रविड़ ने चौथे एमएके पटौदी मेमोरियल लेक्चर में कहा, ‘‘इसी तरह से अल्प अवधि के परिणामों पर जोर देने के कारण जूनियर स्तर के मैचों में अधिक उम्र के खिलाड़ी खेलते हैं। यह पूरी प्रक्रिया तब शुरू होती है जब एक कोच खिलाड़ी की जन्मतिथि को बदलकर उसे स्थानीय टूर्नामेंट में खेलने की अनुमति देता है।

द्रविड़ ने इसके साथ ही कहा कि BCCI को युवाओं को आकषिर्त करने के लिये अधिक प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘हम युवा खिलाड़ियों को आकषिर्त करने के लिये ज्यादा कुछ नहीं कर रहे हैं और इसलिए प्रतिभा गंवा रहे हैं। क्रिकेट अब युवाओं के लिये नंबर एक खेल नहीं रहा। एक शीर्ष खेल उपकरण निर्माता कंपनी ने मुझे बताया कि क्रिकेट उपकरणों की बिक्री में गिरावट आयी है। मुझे लगता है कि भारत में जूनियर क्रिकेट के लिये हमें खाका तैयार करने की जरूरत है। हमें अपने प्रशिक्षकों को गाइड करने का तरीका ढूंढना होगा। इसके लिये अच्छी तरह से परिभाषित दिशानिर्देश होने चाहिए।

द्रविड़ ने जूनियर क्रिकेट में रोटेशन प्रणाली का सुझाव दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हमें जूनियर क्रिकेट को समय देने की जरूरत है। उन्होंने इसके साथ ही युवा क्रिकेटरों के बहुत जल्दी खेल को छोड़ने के चलन और किस तरह से माता पिता युवा क्रिकेटरों पर दबाव बनाते हैं, उस पर भी बात की।
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