
अपने 90वें जन्मदिन के मौके पर क्रिकेट के सर्वकालिक महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन ने सचिन तेंदुलकर और शेन वॉर्न को एक साथ अपने घर बुलाया

अपने 90वें जन्मदिन के अवसर पर क्रिकेट के सर्वकालिक महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन ने सचिन तेंदुलकर और शेन वॉर्न को एक साथ अपने घर बुलाया। यह मुलाकात अगस्त 1998 में ब्रैडमैन के एडिलेड वाले घर में हुई थी। सर डॉन ब्रेडमैन से मिलना, वो भी खुद उनके बुलाने पर, बहुत सम्मान की बात थी। सचिन और वॉर्न एक-साथ एक ही टैक्सी में उनके घर की ओर चले। क्रिकेट के मैदान पर हमेशा एक दूसरे से बैट-बॉल से लड़ने वाले सचिन-वॉर्न टैक्सी में सच में लड़ पड़े। मुद्दा यह था कि ब्रेडमैन से पहले कौन बात करेगा। जैसे छोटे बच्चे होते हैं ना, जिनकी किसी धाकड़ बुजुर्ग के सामने हालत खराब होती है। और वे चाहते हैं कि वे खुद नहीं, बल्कि कोई और उस बुजुर्ग का सामना करे और वह पीछे छिपा रहे। सचिन कहते कि तुम ऑस्ट्रेलियन हो, उनके अपने आदमी हो, तो पहले तुम बोला। वॉर्न कहते कि तुम बल्लेबाज हो, उनके अपने आदमी हो, तो पहले तुम बोलो।
लड़ते-झगड़ते ब्रेडमैन का घर आ गया, पर इन दोनों के झगड़े का फैसला नहीं हुआ। दोनों पहले कौन बात करेगा, यही सोचकर धीरे-धीरे घर की तरफ चल पड़े। उन्हें लग रहा था कि क्रिकेट के सबसे दिग्गज खिलाड़ी के सामने कहीं कुछ ऊपर नीचे हो गया, तो दिक्कत हो जाएगी। हालांकि इन दोनों को ही कुछ नहीं करना पड़ा। ब्रेडमैन ने इतनी कोमलता और अपनेपन से बात शुरू की, अगले कुछ ही पल दोनों का संकोच खत्म हो गया। अमूमन क्रिकेटर आपस में क्रिकेट की बात नहीं करते। लेकिन यहाँ दो युगों का मिलन था, बात तो होनी ही थी। तब तक दुनिया सचिन तेंदुलकर में सर डॉन ब्रैडमैन की झलक देख चुकी थी। तो वहीं शेन वॉर्न क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े स्पिनर करार दिए जा चुके थे। दोनों ने ब्रैडमैन से पूछा कि यदि वे आज के समय में खेल रहे होते तो कैसा खेलते। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि मैं उतने रन नहीं बना पाता, जितने अपने समय में बना गया। ब्रैडमैन के मुंह से ऐसा सुनते ही वॉर्न और तेंदुलकर एक साथ बोल पड़े, ऐसा क्यों?
जवाब में सर डॉन ब्रैडमैन ने कहा कि अब फील्डिंग बहुत तगड़ी हो चली है। हमारे जमाने में फील्डिंग पर इतनी मेहनत नहीं होती थी। आज का फील्डर जान लगा देता है। आज तो बल्लेबाज के हिसाब से, गेंदबाज हर गेंद पर फील्डिंग बदल देता है। हमारे समय में हम इतना लोड नहीं लेते थे। कोई बल्लेबाज भले ही कितनी मार मारता हो, फील्डिंग चेंज नहीं की जाती थी। डीप पॉइंट जैसी कई चीजें तो होती ही नहीं थी। यह सुनकर सचिन तेंदुलकर ने पूछा कि सर, यदि आप आज खेल रहे होते तो आपको क्या लगता है कि आपका औसत कितना होता? बदले में थोड़ी देर सोचने के बाद ब्रैडमैन ने जवाब दिया हूँ, 70 तो होता ही। यह सुनकर वॉर्न ने कहा बस 70? कहाँ आपका करियर एवरेज 99.94, और कहाँ 70? आप खुद को इतना कम क्यों आंक रहे हैं? "कम? यार 90 साल का हो गया हूँ। 70 रन के औसत पर तो तुम लोगों को खुश होना चाहिए।" दरअसल सर डॉन ब्रैडमैन कह रहे थे कि अगर मैं 90 साल की उम्र में भी मैदान पर उतर जाऊं, तो मेरा औसत 70 के आसपास रहता। इसी बात पर ठहाके के साथ यह मुलाकात खत्म हुई। वॉर्न और सचिन दोनों ने एक साथ कहा कि सर, आपसे बड़ा खिलाड़ी क्रिकेट इतिहास में दूसरा नहीं आया। तस्वीर उसी ऐतिहासिक मुलाकात की है।
साभार लेखन बाजी