खेलकूद

टीम इंडिया के साथ होगा संजू सैमसन, भारत की नहीं होगी जीत की टेंशन

Shiv Kumar Mishra
29 Nov 2022 12:18 PM GMT
टीम इंडिया के साथ होगा संजू सैमसन, भारत की नहीं होगी जीत की टेंशन
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जिस खिलाड़ी को लगातार टीम में रखकर भी खेलने का मौका ना दिया जाए, अक्सर वह टूट जाता है। उसका आत्मविश्वास कहीं पीछे छूट जाता है। पर संजू सैमसन ने जिस तरीके से खुद को संभाला है, वह उनकी महानता दर्शाता है। इसलिए तो इस खिलाड़ी के समर्थन में कतर में चल रहे फीफा विश्वकप के दौरान भी पोस्टर दिखाया जाता है। भारत और न्यूजीलैंड के बीच चल रही वनडे सीरीज में टीम कॉम्बिनेशन के नाम पर संजू को टीम इंडिया से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। एलान के बाद मुकाबला शुरू हुआ और जोरदार बारिश....! गीला मैदान सुखाने के लिए ग्राउंड स्टाफ जी-जान से कोशिश कर रहा था और उनके साथ पूरी शिद्दत से मेहनत कर रहे थे संजू सैमसन...!

संजू कवर्स अपने हाथ से उठा रहे थे और जल्दी मैच शुरू कराने की भरपूर कोशिश कर रहे थे। जिस मैच में आपको खेलने का मौका नहीं दिया गया, उसे आरंभ करवाने के लिए इतनी शिद्दत से प्रयास। ऐसे ही नहीं दुनिया संजू को बुलाती है खिलाड़ी सबसे खास। अब सवाल यह खड़ा होता है कि जिस संजू को T-20 वर्ल्ड कप के लायक नहीं समझा गया, क्या वह 2023 वनडे विश्व कप में टीम इंडिया का हिस्सा बन सकते हैं? फिलहाल रोहित शर्मा, शिखर धवन, केएल राहुल, ऋषभ पंत और शुभमन गिल बतौर ओपनर वर्ल्ड कप की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। हम हर खिलाड़ी के बारे में आपको जानकारी देंगे और अंत में फैसला आप पर छोड़ देंगे कि क्या संजू सैमसन को भारत के लिए वर्ल्ड कप खेलना चाहिए या नहीं?

शुभमन गिल ने 2022 में बतौर सलामी बल्लेबाज 11 वनडे मुकाबले खेले हैं, जिनमें 78 की औसत से 625 रन बना दिए हैं। आंकड़े देखकर एक पल को लगेगा कि गिल को तो हर हाल में वर्ल्ड कप में ओपनिंग करनी चाहिए। थोड़ा ठहर जाइए। इन पारियों में गिल का स्ट्राइक रेट केवल 104 का रहा है। न्यूजीलैंड के खिलाफ चल रही एकदिवसीय सीरीज के पहले मुकाबले की बात करते हैं। गिल ने बतौर ओपनर 65 गेंदों पर 50 रन बनाए। यह तब है, जब ग्राउंड के एक तरफ की बाउंड्री केवल 56 मीटर की थी। 76 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने 1 चौका और 3 छक्के लगाए। पावरप्ले में उनकी धीमी बल्लेबाजी का नतीजा रहा कि भारत ने 50 ओवरों की समाप्ति के बाद 7 विकेट गंवाकर 306 रन बनाया। बदले में 47 ओवरों में ही कीवियों के हाथों मुकाबला गंवाया। जिस शिद्दत से आज पावरप्ले में टीम इंडिया वीरेंद्र सहवाग को मिस कर रही है, शायद ही ऐसा हाल में कभी हुआ था।

भारत के पास जैसी गेंदबाजी है, उसमें 300 रन भी आईसीसी टूर्नामेंट के नॉकआउट मुकाबलों में सुरक्षित दिखाई नहीं पड़ते। अगर इंग्लैंड की 2015 वर्ल्ड कप हार के बाद चमकती किस्मत की तरह टीम इंडिया को भी अपनी किस्मत बदलनी है तो पहली गेंद से ही आक्रामक बल्लेबाजी करनी होगी। तभी स्कोरबोर्ड पर बड़ा टारगेट सेट किया जा सकेगा। ऐसा कर पाने के मामले में संजू सैमसन दूसरे ओपनर्स से आगे नजर आते हैं। हिटमैन की बात करते हैं तो उनके समर्थक 2019 वनडे वर्ल्ड कप में लगाए गए 5 शतकों का उदाहरण देते हैं। जबकि हकीकत यह है कि 2021 से रोहित शर्मा ODI में आउट ऑफ फॉर्म चल रहे हैं। उन्होंने 9 वनडे मुकाबले खेल कर 32 की साधारण औसत से केवल 261 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से सिर्फ 2 अर्धशतक आए हैं।

संजू की बात करने से पहले गब्बर की दहाड़ भी सुन लेते हैं। 2021 से शिखर धवन ने 24 वनडे मुकाबलों में 44.71 की औसत से 939 रन बनाए हैं और इस दौरान 9 अर्धशतक लगाए हैं। चूंकि आईसीसी टूर्नामेंट्स में शिखर का प्रदर्शन शानदार रहता है, इसलिए बतौर ओपनर उनका जाना तय लग रहा है। केएल राहुल की जो हालिया फॉर्म रही है, उसमें उनका बतौर ओपनर वर्ल्ड कप खेल पाना मुश्किल लग रहा है। इसलिए शायद बांग्लादेश के खिलाफ सूर्यकुमार यादव को आराम के नाम पर टीम में नहीं लिया गया है। वहां बतौर मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज केएल राहुल को मौका दिया गया है। अगर बांग्लादेश को मारकर राहुल तोड़ देते हैं, तो हो सकता है कि बीसीसीआई और चयनकर्ता फिर एक दफा उन्हें सिर आंखों पर बिठा लें।

सारी कहानी आपने समझ ली तो अब आते हैं संजू सैमसन पर। संजू की आक्रामकता किसी से छिपी नहीं है। घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में जिस तरह उन्होंने बेहतरीन गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाई हैं, वह संजू को वाइट बॉल क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ हिटर्स में शुमार करता है। संजू ने भारत के लिए वनडे क्रिकेट की 10 पारियों में 66 की औसत से 330 रन बनाए हैं। इस दौरान 86* रन सर्वाधिक स्कोर के तौर पर उनके बल्ले से आए हैं। ऋषभ पंत ने भारत के लिए 29 वनडे मुकाबलों में 35 की औसत से 825 रन बनाए हैं। अगर दोनों विकेटकीपर बल्लेबाजों के एवरेज की तुलना करें तो संजू ऋषभ से कहीं आगे नजर आते हैं।

फिलहाल यह निश्चित लग रहा है कि कप्तान होने के नाते रोहित शर्मा वर्ल्ड कप के शुरुआती मुकाबलों में ओपनिंग जरूर करेंगे। उनके साथ शिखर धवन मौजूद रहेंगे। क्या बैकअप ओपनर के तौर पर टीम इंडिया संजू सैमसन की तरफ नजरे इनायत कर सकती है? विश्व कप से पहले टीम इंडिया को जो 25 वनडे मुकाबले खेलने हैं, क्या उनमें टीम मैनेजमेंट संजू को नियमित तौर पर मौका दे सकती है? अगर आने वाले वनडे मुकाबलों में शुभमन गिल आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए बेहतर स्ट्राइक रेट के साथ रन बनाते हैं तो बतौर ओपनर उनको वर्ल्ड कप में लिया जा सकता है। पर अगर वह इसी तरह 100 या उससे कम की स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं और पावरप्ले का फायदा नहीं उठाते हैं, तो वर्ल्ड कप में भारत के लिए संकट का दौर होगा।

ऐसे में अगर मिडिल ऑर्डर में जगह नहीं बन रही तो संजू सैमसन को बतौर ओपनर आजमाना चाहिए। उन्हें कम से कम लगातार 10 वनडे मुकाबलों में खुलकर खेलने के लिए फ्री हैंड दिया जाना चाहिए। अगर संजू का स्ट्राइक रेट और एवरेज दूसरे ओपनर्स से बेहतर रहता है तो उनके साथ इंसाफ किया जाना चाहिए। उन्हें भारत में होने वाले 2023 ODI वर्ल्ड कप टीम में जरूर लिया जाना चाहिए। आज तक कभी अपने पूरे करियर में संजू को भारत के लिए लगातार 5 वनडे खेलने का अवसर नहीं मिला है। अब जरूरत है कि हालात को बदला जाए।

बिल्कुल नहीं होगी भारत को जीत की टेंशन

अगर टीम इंडिया के साथ होगा संजू सैमसन

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