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मुस्लिम होते हुए मैंने कभी असहिष्णुता या भेदभाव का भाव नहीं झेला - रजा मुराद

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जम्मू: फिल्म अभिनेता रजा मुराद का मानना है कि विस्थापित कश्मीरी पंडित असहिष्णुता के 'सबसे बड़े शिकार'बने हैं। उन्होंने कथित असहिष्णुता के मुद्दे पर चर्चा करने की वकालत करते हुए कहा कि कुछ नेता अपने बयानों के माध्यम से लोगों के बीच भय उत्पन्न कर रहे हैं।

कुछ नेता देश का माहौल खराब कर रहे हैं
जम्मू प्रेस क्लब की ओर से आयोजित 'प्रेस से मिलिए' कार्यक्रम के दौरान रजा मुराद ने कहा कि जहां तक बात असहिष्णुता की है,तो दंगे लंबे समय से हो रहे हैं और सभी दंगे भाजपा की सरकार में नहीं हुए हैं। रजा मुराद बोले कुछ नेता भड़काऊ और गैरजरूरी बयान दे रहे हैं, जो माहौल खराब कर रहा है, और लोगों के बीच डर पैदा कर रहा है तथा चीजों को मुश्किल बना रहा है।


रजा ने कहा कि राजनीतिक दलों को अपने नेताओं से ऐसे भड़काउ और गैरजरूरी बयान देने से बाज़ आने को कहना चाहिए, क्योंकि ऐसी चीजें असहिष्णुता फैला रही हैं और लोगों के बीच भय का वातावरण पैदा कर रही हैं।

कश्मीरी पंडितों के प्रवासी टाउनशिप जगती में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने जम्मू आए मुराद ने कहा कि असहिष्णुता के सबसे बड़े शिकार कश्मीरी पंडित हैं, क्योंकि उन्हें अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि मैंने उनके शिविर देखे हैं और वे जिस अवस्था में रहने के लिए विवश है, यह देखकर मेरा दिल दुखी होता है।

मैंने कभी सहिष्णुता नहीं झेली
मुराद ने बोले मैं खुद एक मुसलमान हूं, इसके बावजूद देश के किसी भी हिस्से में मैंने कभी असहिष्णुता या भेदभाव का भाव नहीं झेला है। बल्कि हम पर मोहब्बत की बारिश की गई है। लेकिन जो लोग असहिष्णुता का शिकार होने की बात कह रहे हैं, उन्हें बोलने का मौका दिया जाना चाहिए, उनकी आवाज दबायी नहीं जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है और यदि किसी को समस्या है तो हमें उसे सुनना चाहिए, उसके पीछे नहीं पड़ना चाहिए।'
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