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मालदा पर चुप रहने बालों को राम मंदिर पर बोलने का अधिकार नहीं - राकेश सिन्हा

नई दिल्लीः राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के राकेश सिन्हा ने अपने ट्विट पर लिखा कि भारत में राम मंदिर का विरोध अब समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भी बंद कर दिया है। अभी हाल में बिजनौर से राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त ओमपाल नेहरा ने देश में राम मंदिर निर्माण की बात कही तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया। इसी तरह कल सपा के मुस्लिम चेहरा के रूप में बुक्कल नवाव का कहना की राम मंदिर के निर्माण में में 10 लाख रुपया और सोने का मुकुट दूंगा सनसनी फ़ैल गयी है सपा में, अब सपा सुप्रीमो किस किस को निकालेंगे। मालदा पर चुप रहने बालों को राम मंदिर पर बोलने का अधिकार नहीं है।
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ओमपाल नेहरा के बाद बुक्कल नवाब भगवान राम मंदिर निर्माण के समर्थन में आये;मुलायम सिंह किस किस को पार्टी से निकालेंगे!कहीं अकेले न रह जाये
— Dr Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) January 8, 2016
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सिन्हा ने लिखा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में राम मंदिर पर सेमिनार का विरोध अलोकतांत्रिक और फासीवादी मानसिकता का प्रतीक है। राम मंदिर का विरोध करना देश के लिए हितकर नहीं है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में राम मंदिर पर सेमिनार का विरोध अलोकतांत्रिक और फासीवादी मानसिकता का प्रतीक है।
— Dr Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) January 9, 2016
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सिन्हा ने लिखा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में राम मंदिर पर सेमिनार न्यायालय से बाहर मंदिर निर्माण की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है। इस प्रयास के साथी बन राम मंदिर में अपनी सकरात्मक भूमिका निभाएं।
दिल्ली विश्वविद्यालय में राम मंदिर पर सेमिनार न्यायालय से बाहर मंदिर निर्माण की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है।
— Dr Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) January 9, 2016
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राकेश ने लिखा कि जो लोग मालदा और पूर्णिया की घटना पर सड़क पर नहीं उतर सकते है उन्हें राम मंदिर के विरोध में आगे नहीं आना चाहिए। यह है वमपंथ और कॉंग्रेस की कलुष कथा का परिचायक है।
जो लोग मालदा की घटना पर सड़क पर नही उतरे वे राम मंदिर के सेमिनार करने सड़क पर आ रहे हैं। यह है वमपंथ और कॉंग्रेस की कलुष कथा।
— Dr Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) January 9, 2016
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