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2.5 लाख मुस्लिमों की भीड़, भीड़ देख पुलिस कर्मी थाने से भागे आगजनी
Special News Coverage
4 Jan 2016 6:49 AM GMT
मालदाः पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी के पैगंबर मोहम्मद के बारे में की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में निकाले गए मुस्लिमों की रैली में रविवार को अचानक से हिंसा भड़क उठी। करीब 2.5 लाख मुसलमानों ने नेशनल हाइवे नंबर 34 पर रैली निकाली। बाद में हिंसक हो उठी भीड़ ने करीब दो दर्जन गाडि़यों में आग लगा दी। इसके अलावा मालदा जिले के कालियाचक पुलिस स्टेशन पर हमला भी किया।
रैली कालियाचक पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले सूरज इलाके में रविवार दोपहर निकाली गई थी। तिवारी की फांसी की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी नेशनल हाइवे पर उतर आए। वहां से गुजर रही बस के साथ रैली में शामिल लोगों की पहले बहस हुई। बाद में भीड़ ने बस पर हमला कर दिया। यात्री किसी तरह वहां से बचकर निकल गए। इसके कुछ देर बाद मालदा से आ रही बीएसएफ की एक गाड़ी में आग लगा दी गई। इसके बाद, भीड़ पुलिस स्टेशन की ओर बढ़ी। थाने के कुछ हिस्सों में तोड़फोड़ की गई और बैरक वाले हिस्से में आग लगा दी गई।
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हमले से बचने के लिए पुलिसवाले थाने से निकलकर भाग गए। कई राउंड फायरिंग हुई और बम भी चलाए गए। गोलियां लगने से दो लोग घायल हो गए। भीड़ ने कुछ घरों में लूटपाट भी की। इसके तुरंत बाद दुकानें बंद कर दी गईं और इलाके में तनाव फैल गया। एएसपी दिलीप हजरा और अभिषेक मोदी मौके पर पहुंचे। हालात संभालने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स की टीम भी उनके साथ थी। क्या कहना है
पुलिस के एएसपी हजरा ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ”एक धार्मिक जुटाव था, जिसमें करीब 2.5 लाख लोग आए थे। बाद में भीड़ ने हिंसात्मक रुख अपना लिया। पुलिसवैन, जीप समेत 25 गाडि़यों में आग लगा दी गई। पुलिसवालों को पीटा गया, हालांकि, किसी को गंभीर चोट नहीं आई है। मैंने सुना है किसी शख्स को गोली लगी है, लेकिन इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है।”
पूर्व आरएसएस वर्कर को गोली मारी राज्य के आरएसएस सचिव जिशनु बसु ने कहा कि गोली लगने से घायल हुआ शख्स गोपाल आरएसएस का मेंबर रह चुका है। बसु के मुताबिक, गोपाल थाने पर हमले का विरोध कर रहा था। उसके पैर में गोली मार दी गई। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। क्या है मामला मामला उस वक्त शुरू हुआ, यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खान ने 29 नवंबर को कथित तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की।
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसकी प्रतिक्रिया में ही तिवारी ने कथित टिप्पणी की। कुछ दिन तक उनका बयान सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हुआ, जिसके बाद मुस्लिम धर्मगुरुओं का ध्यान इस ओर गया। बाद में तिवारी का बयान उर्दू मीडिया में भी छपा। बयान पर पहली प्रतिक्रिया स्वरुप 2 दिसंबर को सहारनपुर के देवबंद में एक बड़ा प्रदर्शन हुआ। इसमें दारूल उलूम के स्टूडेंट्स शामिल हुए। मुसलमानों में फैले गुस्से के मद्देनजर तिवारी को 2 दिसंबर को अरेस्ट कर लिया गया। वह फिलहाल जेल में हैं। शांति कायम करने के लिए सीएम अखिलेश यादव ने मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ बीते बुधवार को अपने आवास पर मीटिंग भी की। सीएम ने आश्वासन दिया कि तिवारी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्रोत जनसत्ता.कॉम
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