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श्रीश्री के यमुना किनारे होने वाले कार्यक्रम को NGT से मिली मंजूरी, 5 करोड़ का जुर्माना लगाया
Special News Coverage
9 March 2016 1:20 PM GMT
नई दिल्ली (सचिन बिड़लान) : आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर को दिल्ली में यमुना किनारे वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल कराने की नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सशर्त मंजूरी दे दी। एनजीटी ने पर्यावरण की क्षतिपूर्ति के तौर पर आर्ट ऑफ लिविंग पर 5 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही संवैधानिक कार्यों का निर्वाह नहीं करने के लिए डीडीए पर 5 लाख और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के 35 साल हो जाने के मौके पर होने वाला तीन दिनों का यह समारोह 11- 13 मार्च को होगा। उद्घाटन के दिन भव्य कार्यक्रम में 35,973 कलाकार एक साथ सांस्कृतिक प्रस्तुति देंगे। इसमें दुनिया भर से करीब 3.5 लाख लोगों के आने की उम्मीद है। बड़े पैमाने पर समारोह की तैयारी की जी रही है।
एन्वायरन्मेंट के लिए काम कर रहे एक्टिविस्ट्स का कहना है कि इस प्रोग्राम से यमुना के आसपास नेचर को भारी नुकसान पहुंचने वाला है। आर्मी ने यहां दो पंटून पुल यानी टेम्पररी ब्रिज बनाए हैं। इस पर अपोजिशन का कहना है कि प्राइवेट इवेंट में आर्मी को क्यों लगाया गया? क्टिविस्ट्स का कहना है कि 35 लाख लोग यहां आने वाले हैं। यानी ईको-सिस्टम पर बड़ा असर पड़ने वाला है। इस प्रोग्राम को रद्द करने के लिए एक्टिविस्ट्स ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में अपील की थी।
इससे पहले, एनजीटी ने आर्ट ऑफ लिविंग से स्टेज बनाने और यमुना के इलाके को समतल करने सहित इस आयोजन के खर्च के बारे में पूछा तो आर्ट ऑफ लिविंग ने कहा कि तीन दिन के इस आयोजन पर करीब 26 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस पर जजों ने कहा, अगर आप इस रकम में ऐसा कर सकते हैं, तब तो यह वाकई असाधारण है। हो सकता है आगे आप ऐसे सभी राष्ट्रीय आयोजनों को संभालें।
बुधवार को श्रीश्री ने ट्वीट कर कहा- 'मैं सभी पार्टियों से अपील करता हूं कि #WCF2016 पर राजनीति न करें। यह सभी कल्चर, देश, धर्म और आइडियोलॉजी को एक साथ लाने का काम करेगा। तो सभी साथ आएं।'
I appeal to all parties to not politicize the #WCF2016. It is to unite all cultures, nations, religions & ideologies. Let's come together!
— Sri Sri Ravi Shankar (@SriSri) March 9, 2016
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आध्यात्मिक गुरु रविशंकर ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने इस प्रोग्राम के लिए यमुना को इसलिए चुना, ताकि वह नदी की सफाई को लेकर लोगों को जागरूक कर सकें। विशंकर ने कहा कि उनकी संस्था से जुड़े कई वॉलन्टियर्स ने पहले भी यमुना से कचरा साफ करने का काम किया है।
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