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DCW से सुप्रीम कोर्ट ने पूंछा, आप नाबालिग के ख़िलाफ आए हैं या पक्ष में

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21 Dec 2015 11:41 AM GMT
swati maliwal

नई दिल्लीः निर्भया कांड को लेकर भी दिल्ली महिला आयोग की अपील निकली दोतरफा। निर्भया गैंगरेप के नाबालिग़ दोषी की रिहाई के ख़िलाफ़ दिल्ली महिला आयोग की याचिका पर सुनवाई के दौरान उस समय असहज स्थिति पैदा हो गई। जब सुप्रीम कोर्ट ने आयोग ने पूछ लिया कि आप नाबालिग के ख़िलाफ आए हैं या पक्ष में। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।

DCW का कोर्ट में अलग रुख था
सुप्रीम कोर्ट में बात ये रही कि अदालत के बाहर रिहाई रोकने के लिए याचिका दाख़िल करने वाले दिल्ली महिला आयोग की दलील अदालत के भीतर इससे अलग रही। अदालत के भीतर आयोग के वकील ने कहा कि नाबालिग़ दोषी के सुधार और पुनर्वास का बंदोबस्त होना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने हैरत जताते हुए पूछा कि आप नाबालिग के खिलाफ आए हैं या पक्ष में।

केंद्र सरकार ने किया दिल्ली महिला आयोग की याचिका का समर्थन
केंद्र सरकार की तरफ़ से पेश पिंकी आनंद ने भी कहा कि नाबालिग की रिहाई के मुद्दे को लेकर जो याचिका आई है उसका समर्थन करते हैं। पिंकी आनंद के मुताबिक, कोर्ट ने कहा कि क़ानून बनाना विधायिका का काम है और सरकार को इस बारे में कोशिश करनी चाहिए थी।




सरकार करे पुनर्वासः कोर्ट
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि पुनर्वास को लेकर कुछ किए जाने की जरूरत है तो दिल्ली सरकार ऐसा कर सकती है। अदालत को इस पर आदेश देने की जरूरत नहीं है।

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