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स्मृति डिग्री विवाद: अदालत ने चुनाव आयोग और डीयू से सत्यापन दस्तावेज मांगे
Special News Coverage
20 Nov 2015 2:26 PM GMT
नई दिल्ली : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर चुनावी हलफनामों में शैक्षिक योग्यता से संबंधित गलत और भ्रामक सूचनाएं देने का आरोप में दायर याचिका में यहाँ की एक अदालत ने शुक्रवार को भारतीय चुनाव आयोग और दिल्ली विश्वविद्यालय से सत्यापन दस्तावेज मांगे हैं। अदालत ने शैक्षिक योग्यता से संबंधित इस मामले में यह आदेश तब दिया, जब उसने पाया कि शिकायतकर्ता अहमर खान के पास आरोपों को पुख्ता करने के लिए पर्याप्त दस्तावेज नहीं हैं।
शिकायतकर्ता अहमर खान ने पिछली सुनवाई के दौरान अदालत से कहा था कि ईरानी ने लोकसभा और राज्यसभा चुनावों के लिए निर्वाचन आयोग को सौंपे अपने तीन हलफनामों में अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में अलग-अलग जानकारियां दी है। खान ने अप्रैल में अपनी शिकायत में हलफनामे में अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में कथित तौर पर झूठ बोलने के लिए ईरानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
अहमर खान ने आरोप लगाया था कि ईरानी ने 2004 के लोकसभा चुनाव में अपने हलफनामे में खुद को दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ करेस्पांडेंस से 1996 बैच का बी.ए. स्नातक घोषित किया था, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपने हलफनामे में कहा कि उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के मुक्त शिक्षा विभाग से बी.कॉम (प्रथम वर्ष) पास किया हुआ है।
ईरानी ने गुजरात से राज्यसभा का चुनाव लड़ने के लिए 11 जुलाई, 2011 को दाखिल एक अन्य हलफनामे में कहा कि वह दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ करेस्पांडेंस से बी.कॉम (प्रथम वर्ष) तक की शिक्षा हासिल की है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि ईरानी ने अपनी संपत्ति के बारे में भी शपथ पत्र में झूठ बोला है। याचिकाकर्ता ने उनके खिलाफ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत अपराधों के लिए कार्रवाई करने की मांग की है।
महानगर दंडाधिकारी आकाश जैन ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 मार्च, 2016 की तिथि तय की है। उस दिन मामले में शिकायतकर्ता के गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे।
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