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यूपी: प्रतिबंधित पशु खालों का जखीरा और 12 कुंतल मांस बरामद, क्षेत्र में फैली सनसनी

Special News Coverage
4 Dec 2015 5:50 AM GMT
bareilly news



बरेली (देशदीपक गंगवार) : प्रतिबंधित मांस के लिए कुख्यात रिछा के मुहल्ला बाजार में पुलिस की बड़ी छापेमारी हुई। प्रतिबंधित पशुओं की 350 खाल और 12 कुंतल मांस पकड़ा गया लेकिन गिरफ्तारी एक भी नहीं हुई। मांस कारोबारी भाग निकले। पुलिस ने खाल और प्रतिबंधित मांस को जब्त कर लिया। छापेमारी के दौरान पूरा गांव खाली हो गया।

दरअसल, मुहल्ला बाजार में नूर अहमद के बंद मकान में पुलिस को प्रतिबंधित मांस और खाल होने की सूचना मिली थी। बहेड़ी सीओ प्रमोद कुमार यादव की अगुवाई में देवरनियां पुलिस और पीएसी की छापेमारी में घर का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसा गया। तकरीबन 350 प्रतिबंधित पशुओं की खाल की खेप पकड़ में आई। पुलिस की दूसरी टीम ने एक दर्जन से अधिक दुकानों पर छापेमारी की। छापेमारी होते ही दुकानदार भाग निकले। दुकानों से 12 कुंतल प्रतिबंधित पशुओं का मांस जब्त किया गया। पूरे गांव में खलबली मच गई। पुलिस कार्रवाई में प्रतिबंधित पशुओं का मांस और खाल पकड़े जाने के बाद पशु व्यापारियों के खिलाफ मुकदमा लिखा जा रहा है। इस छापेमारी से गांव के लोगों पर सीधी कार्रवाई से पुलिस बचती नजर आई। दरअसल, पिछली बार भी छापेमारी के बाद नौ लोगों पर मामला दर्ज तो हुआ लेकिन बाद में चार को छोड़ना पड़ा था। इसलिए सीओ बहेड़ी के अनुसार तत्काल गिरफ्तारी नहीं करके वह जल्द असल दोषियों की गिरफ्तारी कराई जाएगी।

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कार्रवाई होने से पहले ही फरार हो गया आरोपी :
प्रतिबंधित मांस की खुलेआम बिक्री रिछा में सालों से चल रही है। पुलिस रिकार्ड में भी दर्ज है। बावजूद इसके पिछले दो सालों में कोई कार्रवाई नहीं है। खुलेआम प्रतिबंधित पशु का मांस बेचा जाता था। जाहिर सी बात है कि ये बिक्री पिछले दो सालों से चल रही थी। लेकिन कभी भी पुलिस कार्रवाई नहीं हुई सवाल उठता है। लोगों का कहना है इसके पीछे एक सत्ताधारी सफेदपोश का दबाव है जिसके चलते पुलिस कार्रवाई नहीं कर पाती। इस बार कार्रवाई की तो किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकी। लेकिन फिर भी लोगों के मन में सवाल है कि अचानक पुलिस पीएसी बल के साथ छापेमारी करने वहां क्यों पहुंची? जवाब ये है जनाब कि प्रतिबंधित पशुओं का मांस बेचने वालों ने हाल में भाव बढ़ा दिए थे। इसके बाद मांस के ग्राहकों में असंतोष था। भाव ताव को लेकर अक्सर झगड़े होते थे। माना जा रहा है कि इन्हीं ग्राहकों में एक ने पुलिस तक पूरी बात पहुंचा दी। जिसके बाद छापेमारी की गई।

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यह भी माना जा रहा है पुलिस इन पशु कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई में चूक गई थी। अगर सख्ती बरती जाती तो दोबारा इतनी बड़ी तादाद में प्रतिबंधित पशुओं की खाल और मांस नहीं पकड़ में आता। यह भी बताया जा रहा है कि रिछा प्रतिबंधित पशुओं की कटान और मांस बिक्री का बड़ा केंद्र हैं। पिछली छापेमारी में भी हजार 345 खाल और 260 कुंतल मांस पकड़ा गया था। पुलिस ने छापेमारी के बाद 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पांच लोगों को जेल भेजा गया, लेकिन जांच के बाद चार लोगों के पुलिस को क्लीन चिट दी गई थी। शायद यह भी एक कारण है कि गुरुवार को हुई छापेमारी में एक भी गिरफ्तारी नहीं की गई।

वहीं, इस पूरे मामले पर पुलिस अधिकारीयों का कहना है कि नूर अहमद के मकान में प्रतिबंधित पशु की खाल मिली हैं। व्यापारियों के खिलाफ गुंडा एक्ट और गैंगस्टर की कार्रवाई होगी। पिछली घटनाओं से मिलान करके लगातार संलिप्तता वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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