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जेल में बबाल के बाद अपनों की खैरियत जानने को बेताब रहे परिजन

Special News Coverage
4 April 2016 3:30 AM GMT

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वाराणसी
जिला जेल में शनिवार को हुए बवाल की सूचना पाकर परेशान बंदियों के घरवालों ने रविवार को यहां अपनों से मुलाकात के बाद राहत की सांस ली। अपनों की खैरियत जानने के लिए घरवाले सुबह से ही जिला जेल के बाहर जमा हो गए। उनकी सबसे बड़ी चिंता जेल के अंदर के हालात को लेकर थी। किसी की पत्नी पहुंची थीं तो किसी की बहन, मां और भाई। सुबह सात बजे से ही जेल के बाहर मुलाकातियों की लाइन लग गई। दोपहर तक करीब 1600 लोगों ने जेल में बंदियों से मुलाकात की। कोई अपनों के लिए खाने-पीने की चीजें तो कोई दवाइयां लेकर आया था।


- सोनभद्र की रहने वाली रेशमा अपने पति उपेंद्र गिरी से मिलने आई थी। सुबह सात बजे ही वह यहां पहुंच गई। पति अपहरण के आरोप में जेल में बंद है। रेशमा का कहना था कि शनिवार की शाम उसे पता चला कि जेल में बवाल हुआ है। तभी से परेशान थी। सुबह होते ही पति का हाल जानने के लिए यहां चली आई।

-गोदौलिया में अन्याय प्रतिकार यात्रा मामले में बड़ी पियरी निवासी गोलू सेठ जेल में बंद है। बवाल की खबर सुनकर उसकी मां विमला सुबह ही जेल पहुंच गई थी। बेटे का हाल जानने को वह परेशान थी। बताया था कि जेल में कई लोग बेटे के विरोधी हैं। डर था कि कहीं उसे नुकसान न पहुंचाया गया हो।

- काशी विद्यापीठ के छात्र नेता कुंदन सिंह समेत कई छात्र अपने दोस्त विद्यापीठ के छात्र भूपेंद्र सिंह से मिलने जेल पहुंचे थे। भूपेंद्र मारपीट के एक मामले में जेल में बंद है। बताया कि बवाल की खबर सुनकर वह सहम गए थे। साथी की कुशलक्षेम जानने के लिए आए हैं।

- हरहुआ बाजार की रहने वाली एकता सिंह अपने भाई सेना के जवान आनंद सिंह से मिलने पहुंची थी। आनंद अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में जेल में है। एकता का कहना था कि भाई को झूठे मामले में फंसाया गया है। जेल में बवाल की खबर सुनकर वह परेशान थी। डर था कि सेना के जवान के नाते कहीं अन्य बंदियों ने उसके भाई को नुकसान न पहुंचाया हो।

- भैरोनाथ की रहने वाली रुक्मिणी अपने बेटे बल्लो से मिलने पहुंची थी। वह दहेज हत्या के मामले में जेल में बंद है। रुक्मिणी ने बताया कि जेल में बवाल की खबर सुनकर वह बहुत परेशान थी। बेटे का हाल जानने के लिए चली आई। बात करते-करते वह रो पड़ी।
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