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राज्यपाल राम नाईक ने आजम के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष को लिखा कड़ा पत्र

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने संसदीय कार्यमंत्री मोहम्मद आजम खां द्वारा विधानसभा में अपने प्रति की गई टिप्पणी को परखने के लिए मांगी गई सामग्री के अवलोकन के बाद विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय को आज लिखे पत्र में कड़ा रुख अपनाया है।
राज्यपाल ने कहा है कि आजम खां का वक्तव्य उनकी योग्यता पर सवाल उठाता है और इस बारे में उन्हें अखिलेश से विचार करना पड़ेगा।
नाईक ने बीती आठ मार्च को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान राज्यपाल पर की गई आजम खां की टिप्पणी की असम्पादित मुद्रित प्रति और आडियो/वीडियो की सीडी माता प्रसाद पांडेय से उपलब्ध कराने को कहा था।
राज्यपाल ने अपने पत्र में लिखा है कि संसदीय कार्यमंत्री आजम खान की राज्यपाल पर की गई टिप्पणी में लगभग 60 पंक्तियां थीं। इसमें से 20 पंक्तियां हटा दी गईं हैं। राम नाईक ने लिखा कि किसी संसदीय मंत्री के बयान में से 33 प्रतिशत पंक्ति हटाना इस बात को बताता है कि उनकी भाषा विधान सभा की गरिमा के अनुकूल नहीं है।
इसके अलावा जनहित से जुड़े मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष की टिप्पणी पर भी राज्यपाल ने अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि मेरे लम्बे राजनीतिक जीवन से एवं राज्यपाल पद के कार्यकाल की अवधि से आप भलीभांति अवगत होंगे कि मैं किस प्रकार जनहित से जुड़े मुद्दों के प्रति संवेदनशील रहा हूं। नाईक ने माता प्रसाद पांडेय से इस सम्बंध में मिलकर चर्चा करने की इच्छा जताई है।
गौरतलब है कि विधानसभा में संसदीय कार्यमंत्री आज़म खान ने मेयरों के अधिकारों के संबंध में पारित विधेयक को अनुमोदित नहीं करने के लिए राजभवन पर सवाल खडा किया था। शायद यह पहला मौका था जब किसी मंत्री ने सदन में राज्यपाल पर आरोप लगाया।
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